Edited By Pardeep,Updated: 07 Jan, 2023 06:50 AM
![joshimath case ministry of jal shakti constitutes committee](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_1image_23_54_28649651500-ll.jpg)
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना और इसके प्रभाव के ‘‘तेजी से अध्ययन' के लिए शुक्रवार को एक समिति गठित की। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि समिति में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग,...
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना और इसके प्रभाव के ‘‘तेजी से अध्ययन'' के लिए शुक्रवार को एक समिति गठित की। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि समिति में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
इसके मुताबिक, यह समिति तेजी से घटना का अध्ययन करेगी और इसके कारणों तथा प्रभावों का पता लगाएगी। समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि समिति बस्तियों, इमारतों, राजमार्गों, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणाली पर जमीन धंसने के प्रभावों का पता लगाएगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच' में आता है।