Edited By Radhika,Updated: 24 Nov, 2025 04:43 PM

सरकार ने देश में 4 नए Labour Codes लागू कर दिए हैं। ये नए कानून 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह लेंगे। इन नए कानूनों में कई महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं, जैसे- सभी कर्मियों को नियुक्ति पत्र देना, न्यूनतम वेतन में स्किल्ड और अनस्किल्ड का भेद खत्म करना,...
नेशनल डेस्क: सरकार ने देश में 4 नए Labour Codes लागू कर दिए हैं। ये नए कानून 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह लेंगे। इन नए कानूनों में कई महत्वपूर्ण सुधार जैसे- सभी कर्मियों को नियुक्ति पत्र देना, न्यूनतम वेतन में स्किल्ड और अनस्किल्ड का भेद खत्म करना, गिग वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी, महिलाओं को नाइट शिफ्ट में सुरक्षा और ओवरटाइम पर डबल पेमेंट शामिल होगा। इन्हीं बड़े सुधारों में सबसे बड़ा बदलाव ग्रेच्युटी के नियमों से जुड़ा है।
अब 1 साल की नौकरी पर भी मिलेगी ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी के नए नियमों के तहत अब कर्मचारियों को एक बड़ी राहत दी गई है। अब सिर्फ 1 साल तक किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी भी ग्रेच्युटी का लाभ पाने के हकदार होंगे। पहले ग्रेच्युटी पाने के लिए किसी कंपनी या संस्थान में लगातार कम से कम 5 साल तक नौकरी करना जरूरी होता था। अब कोई भी कर्मचारी जिसने किसी कंपनी में 1 साल की लगातार सेवा दी है, वह ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी होगा।
ग्रेच्युटी को आमतौर पर एक ही कंपनी में लगातार निष्ठापूर्वक काम करने का इनाम या वफादारी का प्रतीक माना जाता है। यह राशि कर्मचारियों को रिटायरमेंट, इस्तीफा या किसी दुर्घटना की स्थिति में दी जाती है। वहीं अगर नौकरी के दौरान कर्मचारी ने कंपनी की किसी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, तो नुकसान की भरपाई उसकी ग्रेच्युटी से की जा सकती है।

ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का आसान फॉर्मूला
ग्रेच्युटी की रकम कैलकुलेट करना काफी आसान है। यह आपकी अंतिम बेसिक मंथली सैलरी और नौकरी के वर्षों पर निर्भर करता है।
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला यह है:
कुल ग्रेच्युटी = (अंतिम बेसिक मंथली सैलरी) x (15/26) x (नौकरी के वर्ष)
फॉर्मूले में 26 क्यों?
फॉर्मूले में 26 अंक इसलिए आया है, क्योंकि लेबर कोड के अनुसार एक महीने में कम से कम 4 साप्ताहिक छुट्टियों को माइनस किया जाता है (30 या 31 दिन वाले महीनों के बावजूद), जिससे प्रभावी कार्य दिवसों की संख्या 26 मानी जाती है।
उदाहरण 1: 5 साल की नौकरी पर
मान लीजिए आपकी अंतिम बेसिक मंथली सैलरी ₹50,000 थी और आपने 5 साल तक नौकरी की:
50,000x (15/26)x5= ₹1,44,230

उदाहरण 2: 1 साल की नौकरी पर (नए नियम से)
मान लीजिए आपकी अंतिम बेसिक मंथली सैलरी ₹70,000 थी और आपने 1 साल बाद नौकरी छोड़ दी:
70,000 x (15/26) x 1 = ₹40,385
यानी अब आपको 5 साल की लंबी सेवा देने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 1 साल, 2 साल या 3 साल की सेवा देने पर भी आप ग्रेच्युटी पाने के हकदार होंगे।