Edited By Harman Kaur,Updated: 01 Jul, 2025 07:03 PM

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम को लेकर किए गए बड़े-बड़े दावों के बावजूद वादे अधूरे और दावे फर्जी हैं तथा इससे निजता को नुकसान पहुंचा है एवं पारदर्शिता भी कमजोर हुई है।
नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम को लेकर किए गए बड़े-बड़े दावों के बावजूद वादे अधूरे और दावे फर्जी हैं तथा इससे निजता को नुकसान पहुंचा है एवं पारदर्शिता भी कमजोर हुई है।
‘डिजिटल इंडिया' भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एक जुलाई, 2015 को शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके 10 साल पूरा होने के मौके पर खड़गे ने उन गांवों और स्कूलों का हवाला दिया, जहां अभी तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नहीं पहुंची है। उन्होंने सरकार के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनियों- एमटीएनएल और बीएसएनएल पर ‘बढ़ते कर्ज' और साइबर अपराधों में वृद्धि का भी उल्लेख किया।
खड़गे ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी सरकार के ‘डिजिटल इंडिया' के बड़े-बड़े वादे अधूरे रहे और दावे धरे के धरे रह गए हैं।'' उन्होंने दावा किया कि 26 जून, 2025 तक, ‘भारतनेट' परियोजना के तहत कुल 6.55 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इनमें से 4.53 लाख गांवों (यानी 65 प्रतिशत) को अब भी कवर किया जाना बाकी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘परियोजना की समय सीमा को 11 वर्षों में कम से कम आठ बार संशोधित किया गया है। फिलहाल केवल 0.73 प्रतिशत (766) ग्राम पंचायतों में वाई-फाई सेवाएं हैं। जहां निजी खिलाड़ी 5जी का विकल्प चुन रहे हैं, वहीं बीएसएनएल का एक लाख 4जी टावर लगाने का अपना लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। एक तिहाई टावर लगाए जाने बाकी हैं।''
उनके अनुसार, बीएसएनएल का कर्ज 291.7 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2014 के 5,948 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2024 में 23,297 करोड़ रुपए हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘इसी अवधि में एमटीएनएल का कर्ज 136.2 प्रतिशत बढ़कर 14,210 करोड़ रुपए से 33,568 करोड़ रुपए हो गया।'' खड़गे ने दावा किया कि हाशिये पर पड़े लोगों का एक तरह से ‘‘डिजिटल बहिष्कार'' किया गया है।