Edited By Tanuja,Updated: 23 Nov, 2025 04:46 PM

जोहानिसबर्ग में आईबीएसए बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी दोहरे मापदंड के सामूहिक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने UNSC सुधारों को ‘अनिवार्य’ बताया और भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका के बीच सुरक्षा एवं डिजिटल सहयोग मजबूत करने...
International Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आईबीएसए (भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका) नेताओं की बैठक में एक ज़ोरदार वैश्विक संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर दुनिया ‘दोहरे मापदंड’ नहीं अपना सकती और इस लड़ाई में तीनों देशों को मिलकर काम करना होगा। मोदी ने कहा कि आज की दुनिया 21वीं सदी की वास्तविकताओं से दूर वैश्विक संस्थाओं के बीच फंसी हुई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तत्काल और अनिवार्य सुधार की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा-“IBSA को एक स्वर में दुनिया को संदेश देना चाहिए कि UNSC में बदलाव अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। तीनों में से कोई देश स्थायी सदस्य नहीं है यह बताता है कि वैश्विक संस्थाएँ आज की दुनिया को प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।”
सुरक्षा में बड़ा प्रस्ताव: NSA-स्तरीय IBSA बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए IBSA National Security Advisor (NSA) मीटिंग को औपचारिक और नियमित करने का प्रस्ताव रखा। भारत की अध्यक्षता में 2021 में ऐसी पहली बैठक हुई थी।प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक, विशेषकर डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, मानव-केंद्रित विकास का आधार है। इसलिए उन्होंने ‘IBSA Digital Innovation Alliance’ बनाने का सुझाव दिया, जिसके तहत-
- UPI जैसे भुगतान प्लेटफॉर्म
- CoWIN जैसे स्वास्थ्य ढाँचे
- साइबर सुरक्षा मॉडल
- महिलाओं के नेतृत्व वाली टेक पहलों
- को तीनों देशों में साझा किया जा सकेगा।
उनका कहना था कि यह कदम न केवल तीनों देशों की डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति देगा, बल्कि ग्लोबल साउथ के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय AI मानकों को भी विकसित करेगा।
“IBSA तीन महाद्वीपों को जोड़ने वाला अनोखा मंच”
मोदी ने IBSA को तीन प्रमुख लोकतांत्रिक, बहुसांस्कृतिक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच “गहरी और मानवीय साझेदारी” बताया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में तीनों देशों ने क्रमशः G20 की अध्यक्षता निभाकर ग्लोबल साउथ के मुद्दों को नई दिशा दी है।अब आवश्यकता है कि इन पहलों को आगे बढ़ाया जाए और संयुक्त प्रयासों को मजबूत किया जाए। दक्षिण अफ्रीका इस समय IBSA का चेयर है। यह समूह दक्षिण-दक्षिण सहयोग और वैश्विक शासन सुधारों को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण मंच माना जाता है।