SCO समिट में आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख, एक देश के अड़ंगे कारण नहीं हो सका साझा बयान जारी

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 08:40 PM

one country s obstruction india not issue joint statement on terrorism

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक, अमेरिका द्वारा जारी एडवाइजरी और इजरायल-ईरान संघर्ष क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की निकासी पर...

National Desk : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक, अमेरिका द्वारा जारी एडवाइजरी और इजरायल-ईरान संघर्ष क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की निकासी पर जानकारी दी।

SCO समिट में भारत का आतंकवाद पर कड़ा रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि रक्षा मंत्री ने 25 और 26 जून को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया। हालांकि, एक सदस्य देश की असहमति के चलते साझा बयान जारी नहीं हो सका। इसके बावजूद भारत ने अपने व्यक्तिगत बयान में आतंकवाद के खिलाफ अपना मजबूत पक्ष रखा।

अमेरिकी द्वारा जारी यात्रा एडवाइजरी
भारत के लिए अमेरिका द्वारा जारी नई यात्रा सलाह पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने कहा कि ऐसी एडवाइजरी अमेरिका समय-समय पर जारी करता है। उन्होंने साफ किया कि भारत लंबे समय से 'लेवल 2' की श्रेणी में है और इस स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

ऑपरेशन 'सिंधु' की सफलतापूर्वक संचालन के लिए धन्यवाद
विदेश मंत्रालय ने 'ऑपरेशन सिंधु' की सफलता में सहयोग देने वाले देशों का आभार जताया। यह अभियान 18 जून को शुरू हुआ था, जिसके तहत भारतीय नागरिकों को संकटग्रस्त क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया। विशेष रूप से ईरान सरकार का धन्यवाद किया गया, जिन्होंने अपना हवाई क्षेत्र उपलब्ध करवाया। इसके अलावा तुर्कमेनिस्तान, जॉर्डन और मिस्र की सरकारों को भी उनके समर्थन के लिए सराहना दी गई।

ईरान और इज़रायल से सुरक्षित लौटे भारतीय नागरिक
मंत्रालय ने जानकारी दी कि इज़रायल में करीब 40,000 भारतीय मूल के लोग मौजूद हैं। अब तक 3,426 लोगों को सफलतापूर्वक वहां से निकाला जा चुका है। इन निकाले गए नागरिकों में 11 ओसीआई धारक, 9 नेपाली मूल के लोग, 4 श्रीलंकाई और एक ईरानी नागरिक (जिनकी पत्नी भारतीय हैं) शामिल हैं। इन नागरिकों को वापस लाने के लिए कुल 15 उड़ानों की योजना बनाई गई थी, जिनमें से 14 उड़ानें पहले ही पूरी हो चुकी हैं, जबकि एक और उड़ान आर्मेनिया से आ रही है। इज़रायल का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण 818 भारतीयों को चार विशेष उड़ानों के ज़रिये जॉर्डन और मिस्र के रास्ते भारत लाया गया।

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