Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Jun, 2025 10:31 AM

देश की सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने एक बड़ा खुलासा किया है। पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने केरल में 950 लोगों की एक खौफनाक हिट लिस्ट बनाई थी। इस लिस्ट में अलग-अलग समुदायों के लोग शामिल हैं, जिनमें एक सेवानिवृत्त जिला...
नेशलन डेस्क: देश की सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने एक बड़ा खुलासा किया है। पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने केरल में 950 लोगों की एक खौफनाक हिट लिस्ट बनाई थी। इस लिस्ट में अलग-अलग समुदायों के लोग शामिल हैं, जिनमें एक सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश का नाम भी है। यह खुलासा 2022 में हुए एक अहम मामले के दौरान हुआ, जिसमें एक आरएसएस नेता की हत्या हुई थी।
950 लोगों की हिट लिस्ट कैसे मिली?
एनआईए ने 2022 में केरल के पलक्कड़ जिले में RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या की जांच के दौरान यह बड़ा तथ्य सामने लाया। जांच में पता चला कि PFI ने देश को अस्थिर करने की योजना बनाई थी। एनआईए ने आरोपी सिराजुद्दीन के कब्जे से 240 लोगों की सूची बरामद की। इसके अलावा अन्य आरोपियों के पास से भी कई दस्तावेज मिले जिनमें कुल 950 से अधिक लोगों के नाम थे।
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सिराजुद्दीन के पास से 240 लोगों की सूची मिली।
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अलुवा के पेरियार वैली कैंपस में आरोपी अब्दुल वहाद के पास से 5 लोगों की सूची मिली।
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एक अन्य दस्तावेज में 232 लोगों के नाम थे।
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आरोपी अय्यूब के घर से 500 लोगों की सूची मिली।
इन सूचियों में अलग-अलग समुदायों के नाम थे, जो दर्शाता है कि PFI ने व्यापक स्तर पर लोगों को निशाना बनाया था।
हिट लिस्ट में क्यों था रिटायर्ड जिला जज का नाम?
एनआईए की जांच से पता चला कि PFI ने अपने विरोधियों और खासकर उन लोगों को निशाना बनाया जो उनके खिलाफ खड़े थे। एक सेवानिवृत्त जिला जज का नाम भी इस हिट लिस्ट में था, जो इस खतरनाक साजिश की गंभीरता को दर्शाता है। इसका मतलब यह है कि PFI ने न्यायपालिका जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को भी अपनी नापाक योजनाओं में शामिल किया था।
PFI का भारत 2047 का खौफनाक प्लान
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि PFI देश में अशांति फैलाने के लिए अपने कैडरों को हथियार और फिजिकल ट्रेनिंग दे रहा था। एनआईए के पास इस बात के प्रमाण हैं कि PFI के पास एक योजना थी, जिसे 'इंडिया 2047' कहा जाता था। इस योजना के तहत भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश रची गई थी। एनआईए के पास गवाहों के बयान और वॉयस क्लिप्स भी हैं जो इस योजना को साबित करते हैं। यह खुलासा देश में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है।
हत्या के मामले में चार आरोपियों की जमानत खारिज
एनआईए ने पलक्कड़ में श्रीनिवासन की हत्या मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। ये आरोपी हैं- मुहम्मद बिलाल, रियासुद्दीन, अंसार के.पी., और सहीर के.वी। विशेष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने माना कि आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत मौजूद हैं।
इस पूरे मामले ने देश की सुरक्षा एजेंसाओं की सतर्कता बढ़ा दी है। PFI जैसी संस्थाओं की खतरनाक साजिशों का पर्दाफाश होना जरूरी है ताकि देश की एकता और शांति बनी रहे। 950 लोगों की हिट लिस्ट और हथियारबंद कैडरों की ट्रेनिंग जैसी बातें यह साबित करती हैं कि ये संगठन देश में दहशत फैलाना चाहते हैं।