कांवड़ यात्रा से पहले रेखा गुप्ता सरकार ने कसी कमर, दिल्ली में मीट शॉप्स बंद करने की तैयारी

Edited By Updated: 08 Jul, 2025 04:38 PM

rekha gupta government has tightened its belt before kanwar yatra

11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले मीट और मछली की दुकानों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश में जहां 10 जुलाई से ही कांवड़ मार्गों पर ऐसी दुकानों को बंद रखने का ऐलान हो चुका है। वहीं अब दिल्ली में भी इस पर सख्ती की बात...

नेशनल डेस्क: 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले मीट और मछली की दुकानों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश में जहां 10 जुलाई से ही कांवड़ मार्गों पर ऐसी दुकानों को बंद रखने का ऐलान हो चुका है। वहीं अब दिल्ली में भी इस पर सख्ती की बात सामने आ रही है। दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने साफ तौर पर कहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान राजधानी में मीट की दुकानें बंद रहेंगी।

दिल्ली में बंद रहेंगी मीट की दुकानें?

कपिल मिश्रा के अनुसार दिल्ली में चल रही अधिकांश मीट की दुकानें गैरकानूनी हैं और कांवड़ यात्रा के दौरान उन्हें खुला रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। दिल्ली पुलिस ने अभी तक कांवड़ यात्रा के रूट का कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, लेकिन यह सर्वविदित है कि कांवड़ यात्री राजधानी के लगभग हर इलाके से गुजरते हैं। कुछ क्षेत्रों में उनकी संख्या अधिक होती है, जबकि कुछ में कम।

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दुकानदारों में असमंजस और चिंता

इस संभावित कदम से मीट दुकानदारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला है और न ही पहले कभी ऐसा कोई निर्देश आया है। दिल्ली के निजामुद्दीन जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में मीट की दुकानें हैं, जहां कच्चा और पका हुआ मांस बेचा जाता है। दुकानदारों का कहना है कि अगर सरकार की ओर से कोई निर्देश आता है, तो वे दुकानें बंद कर देंगे, लेकिन इससे पूरे महीने की रोजी-रोटी पर बुरा असर पड़ेगा।

गाजीपुर मीट मंडी पर भी पड़ सकता है असर

दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर की मीट मंडी को एनसीआर की सबसे बड़ी मंडी माना जाता है। यहां से न केवल दिल्ली बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद जैसे शहरों में भी मांस की आपूर्ति होती है। इसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री इस मार्ग से गुजरते हैं। यह मीट मंडी सीधे हाईवे से सटी हुई है, ऐसे में इसके बंद होने की भी प्रबल संभावना है।

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दुकानें अवैध नहीं, निगम के तहत आती हैं: दुकानदार

दुकानदार इस संभावित बंद को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी दुकानें अवैध नहीं हैं, बल्कि नगर निगम के अंतर्गत आती हैं। फिर भी उन्हें सरकार द्वारा किसी भी समय दुकानें बंद कराने की आशंका बनी हुई है। अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, लेकिन डर का माहौल है।

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व्यापारी संगठनों का समर्थन

दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को व्यापारी संगठनों का समर्थन भी मिल गया है. चेंबर ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के मुखिया ब्रजेश गोयल ने कहा है कि 13 दिनों का व्यापारिक नुकसान सहा जा सकता है, लेकिन करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए कांवड़ मार्ग पर मांस की दुकानें बंद रखना आवश्यक है।

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