Edited By Tanuja,Updated: 08 Sep, 2025 12:48 PM

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को अमेरिका को दो टूक शब्दों में कहा कि रूस, भारत और चीन कई क्षेत्रों में अपने साझा हितों से अवगत हैं तथा आपसी साझेदारी विकसित...
International Desk: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को अमेरिका को दो टूक शब्दों में कहा कि रूस, भारत और चीन कई क्षेत्रों में अपने साझा हितों से अवगत हैं तथा आपसी साझेदारी विकसित करने का स्पष्ट रूझान है। लावरोव पिछले हफ्ते चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में तीनों देशों के नेताओं द्वारा प्रदर्शित सौहार्दपूर्ण माहौल का जिक्र कर रहे थे। SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक-दूसरे से हाथ मिलाने की घटना ने वैश्विक सुर्खियां बटोरी।
रूसी सरकारी टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में लावरोव ने कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि तीन महान सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली तीन महाशक्तियां कई क्षेत्रों में अपने साझा हितों के प्रति सजग हैं।'' अटकलों को दरकिनार करते हुए, लावरोव ने स्पष्ट किया, ‘‘इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ शत प्रतिशत एक जैसा है, बल्कि चीन, रूस और भारत के अपनी साझेदारी विकसित करने तथा उन क्षेत्रों से पारस्परिक लाभ प्राप्त करने की प्रवृत्ति है, जहां हमारे समान हित हैं।'' लावरोव के अनुसार, तीनों देशों के साझा हित अर्थव्यवस्था के विकास, सामाजिक समस्याओं के समाधान और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने में निहित हैं।
हालांकि, SCO शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच गहरी सुरक्षा और आर्थिक संपूरकता सुनिश्चित करना था, लेकिन मोदी, पुतिन और शी के बीच सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित सौहार्दपूर्ण माहौल ने कहीं अधिक ध्यान आकर्षित किया, जिससे तीनों प्रमुख देशों के एक-दूसरे के करीब आने का संकेत मिलता है। इस बीच, यहां के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने भारत-रूस-चीन(IRC) घनिष्ठ संवाद की संभावना को खारिज कर दिया है। वेस्टीएफएम के नियमित कार्यक्रम 'द एशियन कास्केट' में, मॉस्को विश्वविद्यालय के अफ्रीका-एशिया संस्थान के निदेशक डॉ. एलेक्सी मास्लोव ने इस बात पर जोर दिया कि एशिया में भारत एक प्रमुख लोकतंत्र है, हालांकि यह यूरोप से अलग है, और इसके निर्णय लेने के तौर-तरीके भी अलग हैं। मास्लोव ने कहा कि उनका मानना है कि तीनों देशों के बीच द्विपक्षीय आधार पर गहन बातचीत विकसित होगी।