Edited By Tanuja,Updated: 04 Jan, 2023 06:11 PM

भारत से पंजाब के लिए एक अलग राज्य के लिए अभियान चलाने वाले अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस समूह का 26 जनवरी को पंजाब,...
इंटरनेशनल डेस्कः भारत से पंजाब के लिए एक अलग राज्य के लिए अभियान चलाने वाले अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस समूह का 26 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली में खालिस्तान जनमत संग्रह कराने की योजना विफल होती नजर आ रही है। संगठनों, धार्मिक संस्थाओं के पूर्ण सहयोग के अभाव में ये अभियान ठुस्स कर दिया गया है। पंजाब के सिख और धार्मिक संगठनों द्वारा पन्नू को दोतरफा जवाब देकर असंवैधानिक जनमत संग्रह से खुद को दूर रखने की खबर आ रही है।
भारत में प्रतिबंधित संगठन SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बयान में घोषणा की कि पंजाब के लोगों को खालिस्तान के सपने को साकार करने के लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर पंजाब में होने वाले जनमत संग्रह के लिए मतदान करना चाहिए। लेकिन पंजाब में सिखों की मदद के अभाव में पन्नू का यह प्हैलान कामयाब होता नहीं दिख रहा। खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए समर्थन प्राप्त करने के लिए SHFJ ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) जैसे सिख संगठनों से मोदी सरकार की मदद करने की बजाय 26 जनवरी 2023 को भारत में जनमत संग्रह के लिए मतदान करने के कहा है लेकिन इस अपील को भारत के पंथक सिख संगठनों और धार्मिक संगठनों ने खारिज कर दिया है।
26 जनवरी को जनमत संग्रह को लेकर भारत में भारी बदनाम होने के बाद SFJ ने ऑस्ट्रेलिया के सिख लोगों को गुमराह किया और 23 जनवरी को चुनाव की घोषणा की ताकि 26 जनवरी की योजना को आगे बढ़ाया जा सके। लेकिन भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में होने वाले जनमत संग्रह पर भी चिंता जताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। सूत्रों का मानना है कि रोजी रोटी की तलाश में विदेश आए सिख जनमत संग्रह से दूरी बना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पन्नू एक बार फिर पाकिस्तान के गुणगान गाकर पंजाब में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन विदेशों में भारत की बढ़ती ताकत के कारण आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तानी एजेंसियां कश्मीर और खालिस्तान के मुद्दों से परहेज कर रही हैं।