कोविड के नए वैरिएंट से चीन में हालात क्यों हुए बेकाबू?, भारत ने उठाए ये कदम

Edited By Updated: 21 Dec, 2022 10:24 PM

situation uncontrollable in china due to new variant of covid

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के सब वैरिएंट BF-07 ने चीन में हाहाकार मचा रखा है।चीन में कोरोना के नए वैरिएंट से हालात बेकाबू हैं। चीन में प्रतिदिन औसतन 35-40 हजार केस सामने आ रहे हैं। लोगों में दहशत का माहौल है

नेशनल डेस्कः कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के सब वैरिएंट BF-07 ने चीन में हाहाकार मचा रखा है।चीन में कोरोना के नए वैरिएंट से हालात बेकाबू हैं। चीन में प्रतिदिन औसतन 35-40 हजार केस सामने आ रहे हैं। लोगों में दहशत का माहौल है। अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। मरीजों को बैड नहीं मिल रहे हैं। फर्श पर लिटाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है। एक स्टडी के मुताबिक, चीन में अगले साल कोविड से 15 लाख लोगों की जान जा सकती है। भारत में भी बीएफ-07 के तीन से चार मामले सामने आए थे। ये सभी मामले सितंबर और नवंबर के बीच सामने आए थे। ये सभी मरीज ठीक हो चुके हैं।

आखिर क्यों बने चीन में ऐसे हालात
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब अपने तीसरे कार्यकाल की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान चीन में कई जगहों पर कोरोना के मामले सामने आ रहे थे। चीन ने कोविड से निपटने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी को अपनाया था। चीन में किसी शहर में कोविड का एक मामला सामने आने पर शहर को पूरी तरह बंद कर दिया जाता था। लोगों को घरों में कैद कर रखा जाता था। चीन के लोग इस तरह रहने के आदी नहीं थे।

चीन के कुछ हिस्सों में जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ आवाज उठाना शुरू हुई। धीरे-धीरे इस यह पूरे चीन में फैल गई और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होने लगे। लोगों के विरोध को दबाने के लिए शी प्रशासन ने बल प्रयोग किया। लेकिन जनता की आवाज को खामोश नहीं कर सके। अंत में राष्ट्रपति जिनपिंग को अपने कदम पीछे खींचने पड़े और कोविड के नियमों में ढील दी गई। चीन ने कोविड पाबंदियों में ढील देने से पहले पर्याप्त उपाय नहीं किए। यही वजह रही कि जैसे ही चीन ने कोविड की पाबंदियों में ढील दी। कोविड के नए वैरिएंट BF-07 ने तबाही मचानी शुरू कर दी। देखते ही देखते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ने लगी। मौत का आंकड़ी भी बढ़ने लगे।

एक स्टडी के मुताबिक, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जताई गई है। ये आंकड़े अन्य हालिया आंकड़ों से भी मेल खाते हैं, जिनमें ‘द लांसेट' पत्रिका की पिछले सप्ताह की एक रिपोर्ट भी शामिल है। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चीन में पाबंदियों में ढील दिये जाने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से 13 लाख से 21 लाख लोगों की मौत हो सकती हैं।

क्या हैं भारत में हालात
भारत में पिछले 1 हफ्ते में 1200 से अधिक मामले सामने आए हैं। दैनिक आधार पर बात करें तो कोविड मामलों की संख्या 120- 135 मामले प्रतिदिन है। पिछले एक हफ्ते में कोविड से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। लेकिन चीन के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग और नीति आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक में BF-07 वैरिएंट का भी मामला उठा। गुजरात में एक लैब में केंद्र ने अक्टूबर में भारत में बीएफ.7 के पहले मामले का पता लगाया था। उन्होंने कहा कि अब तक गुजरात से दो मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा से एक मामला सामने आया है। 

भारत की केवल 27-28 प्रतिशत योग्य आबादी के कोविड-19 की एहतियाती खुराक लेने का जिक्र करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने लोगों को टीका लेने तथा भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। उन्होंने लोगों से नहीं घबराने की अपील की और स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दिशा-निर्देशों में अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। पॉल ने कहा, ‘‘लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना चाहिए। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या बुजुर्ग हैं, उन्हें विशेष रूप से इसका पालन करना चाहिए।''

मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिये कहा है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं।'' जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे कोविड के संक्रमित नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को उभरते स्वरूपों पर नजर रखने के लिए तैयार करें।

कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कोविड समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि, अब तक कोविड के मामलों की संख्या में समग्र वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन मौजूदा और उभरते स्वरूपों पर नज़र रखने के लिए निरंतर निगरानी की आवश्यकता है। मंत्री ने लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने सहित संक्रमण के प्रसार की रोकथाम से जुड़े व्यवहार करने और टीका लगवाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है।

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