सुरजेवाला बोले: मोदी सरकार की ‘मजदूर विरोधी, किसान विरोधी' नीतियों के विरोध में हड़ताल जायज़

Edited By Updated: 09 Jul, 2025 05:27 PM

surjewala said strike is justified against the anti labourer

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उद्देश्य केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की कथित श्रमिक विरोधी और किसान विरोधी नीतियों का विरोध करना है।...

नेशनल डेस्क: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उद्देश्य केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की कथित श्रमिक विरोधी और किसान विरोधी नीतियों का विरोध करना है। सुरजेवाला ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से आंखें खोलने और लोगों की समस्याओं को देखने का आग्रह किया। साथ ही उस पर विकास को रोकने, नौकरियां छीनने और देश में आर्थिक अशांति पैदा करने का आरोप लगाया।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार पर्याप्त रोजगार देने में विफल रही है, भारत सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के विभिन्न विभागों में 30 लाख से अधिक रिक्तियां हैं। उदाहरण के लिए सशस्त्र बलों में लगभग 1.55 लाख रिक्तियां हैं। रेलवे में 2.5 लाख से अधिक रिक्त पद हैं। सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में 85,000 से अधिक रिक्तियां हैं।''

उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में प्रश्नात्मक लहजे में कहा, ‘‘बढ़ती बेरोजगारी और लोक सेवा कर्मियों की तत्काल आवश्यकता के बावजूद भारत सरकार इन 30 लाख रिक्तियों को भरने से इनकार क्यों कर रही है?'' कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में बेरोजगारी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है जिसकी वर्तमान दर ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी' (सीएमआईई) के अनुसार 7.5 प्रतिशत है। यह 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ इस संकट के बावजूद सरकार प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रही है। ट्रेड यूनियनें बढ़ती बेरोज़गारी और सरकार की निष्क्रियता की ओर प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।'' सुरजेवाला ने कहा कि भारत में धन असमानता बढ़ती जा रही है, अमीर और अधिक अमीर होते जा रहे हैं जबकि गरीब लगातार कष्ट झेल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर भारत अब दुनिया में 50वें सबसे गरीब देश के रूप में शुमार है, जिसकी औसत आय 2,900 अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.42 लाख रुपये) है जो बांग्लादेश, कंबोडिया, केन्या और यहां तक ​​कि हैती जैसे देशों से भी कम है। इसकी तुलना में वैश्विक औसत प्रति व्यक्ति आय करीब 13,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 0.85 लाख रुपये) है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मौजूदा सरकार के शासन में भारत कितना पीछे रह गया है।''

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि आज अर्थव्यवस्था भारी संकट में है, मोटरसाइकिल और स्कूटर की बिक्री में भारी गिरावट आई है, उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में गिरावट आई है, कपड़ा क्षेत्र में अभूतपूर्व संकट देखा गया है क्योंकि कपड़ा उद्योग ने उत्पादन में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की है, इसके अलावा रियल एस्टेट क्षेत्र में भी संकट है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!