राज्यपाल के लिए समयसीमा तय करने पर तमिलनाडु की कड़ी प्रतिक्रिया, स्टालिन ने केंद्र की "बदनीयती" पर सवाल उठाए

Edited By Rahul Rana,Updated: 15 May, 2025 05:07 PM

tamil nadu reacts strongly to deadline set for governor stalin questions

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राष्ट्रपति के जरिये उच्चतम न्यायालय से यह पूछने के लिए भाजपा-नीत केंद्र सरकार की आलोचना की कि क्या विधेयकों को लेकर राज्यपाल के लिए कोई समयसीमा निर्धारित की जा सकती है। स्टालिन ने कहा कि इससे केंद्र सरकार की...

नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राष्ट्रपति के जरिये उच्चतम न्यायालय से यह पूछने के लिए भाजपा-नीत केंद्र सरकार की आलोचना की कि क्या विधेयकों को लेकर राज्यपाल के लिए कोई समयसीमा निर्धारित की जा सकती है। स्टालिन ने कहा कि इससे केंद्र सरकार की “बदनीयती” का पता चलता है। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर आठ अप्रैल को दिए गए फैसले में विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपाल के लिए समयसीमा निर्धारित की थी, जिसके बाद 13 मई को राष्ट्रपति ने न्यायालय को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या न्यायिक आदेशों के जरिये ऐसी कोई समयसीमा तय की जा सकती है। सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष स्टालिन ने गैर-भाजपा शासित राज्यों से संविधान की रक्षा के लिए कानूनी संघर्ष में शामिल होने को कहा।

स्टालिन ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार के ‘राष्ट्रपति संदर्भ' की कड़ी निंदा करता हूं, जो तमिलनाडु के राज्यपाल से संबंधित मामले और अन्य मामलों में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित संवैधानिक व्यवस्था को उलटने का प्रयास है।" उन्होंने कहा कि इस प्रयास से यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने जनादेश को कमजोर करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम किया। स्टालिन ने दावा किया कि यह कुछ और नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में काम करने वाले राज्यपालों के नियंत्रण में रखकर उन्हें कमजोर करने का एक हताश प्रयास है।

उन्होंने कहा, "यह कानून की गरिमा और संविधान के अंतिम व्याख्याकर्ता के रूप में उच्चतम न्यायालय के अधिकार को भी सीधे चुनौती देना है।" तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पूछा, “राज्यपालों को समय सीमा निर्धारित करने पर कोई आपत्ति क्यों होनी चाहिए?...क्या भाजपा विधेयक को मंजूरी देने में अनिश्चितकालीन देरी की अनुमति देकर अपने राज्यपालों की अड़चनों को वैध बनाने की कोशिश कर रही है?” उन्होंने कहा, "हमारा देश एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है। संदर्भ में उठाए गए सवालों से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भयावह मंशा का पता चलता है।” उन्होंने कहा, "इन गंभीर परिस्थितियों में, मैं सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों और पार्टी नेताओं से संविधान की रक्षा के लिए इस कानूनी संघर्ष में शामिल होने का आग्रह करता हूं। हम अपनी पूरी ताकत से यह लड़ाई लड़ेंगे। तमिलनाडु लड़ेगा और जीतेगा।''

 

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