Nuclear Fission: परमाणु बम का बाप हाइड्रोजन बम मिनटों में बना सकता है धरती को श्मशान, जानें किन देशों के पास है ये खुंखार हथियार

Edited By Updated: 16 May, 2025 07:29 AM

thermonuclear bomb nuclear fission hydrogen bomb is more powerful

क्या आपने कभी सोचा है कि एक ऐसा हथियार भी हो सकता है जो महज चंद सेकंड में किसी महानगर को धूल में मिला दे? जिस विस्फोट की चमक सूरज जैसी हो और जिसकी गर्मी इंसानी कल्पना से परे हो? जी हां, हम बात कर रहे हैं हाइड्रोजन बम यानी थर्मोन्यूक्लियर बम की —...

नेशनल डेस्क: क्या आपने कभी सोचा है कि एक ऐसा हथियार भी हो सकता है जो महज चंद सेकंड में किसी महानगर को धूल में मिला दे? जिस विस्फोट की चमक सूरज जैसी हो और जिसकी गर्मी इंसानी कल्पना से परे हो? जी हां, हम बात कर रहे हैं हाइड्रोजन बम यानी थर्मोन्यूक्लियर बम की — जिसे मानवता ने अब तक का सबसे घातक हथियार बनाया है।

यह साधारण परमाणु बम से कहीं अधिक ताकतवर होता है। जितना नुकसान परमाणु बम एक शहर में करता है, उतना हाइड्रोजन बम कई शहरों और आसपास के इलाकों में कर सकता है। इस विस्फोट की ताकत इतनी होती है कि यह पर्यावरण, इंसानी जीवन और आने वाली पीढ़ियों तक असर छोड़ जाता है।

 फिशन बनाम फ्यूजन: किसमें है असली धमाका?

1961 में रूस द्वारा परीक्षण किया गया 'त्सार बोम्बा' दुनिया का सबसे शक्तिशाली बम था – 50 मेगाटन, यानी हिरोशिमा से 3,000 गुना ज्यादा घातक।

कैसे काम करता है हाइड्रोजन बम?

हाइड्रोजन बम दो चरणों में तबाही मचाता है:

  1. पहला चरण (फिशन): एक छोटा परमाणु बम फटता है, जो लाखों डिग्री सेल्सियस तापमान और उच्च दाब पैदा करता है।

  2. दूसरा चरण (फ्यूजन): इस ऊष्मा से ड्यूटेरियम और ट्रिटियम का मेल होता है और भीषण फ्यूजन रिएक्शन होता है, जिससे बम की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

इसमें लिथियम ड्यूटेराइड का भी उपयोग होता है, जो ट्रिटियम बनाकर फ्यूजन प्रक्रिया को और तीव्र करता है।

रेडिएशन का कहर: सिर्फ विस्फोट नहीं, वर्षों तक असर

  1. तत्काल विकिरण: विस्फोट के तुरंत बाद गामा किरणें और न्यूट्रॉन पूरे क्षेत्र को जला सकते हैं।

  2. रेडियोधर्मी फॉलआउट: हवा और बारिश के जरिए सैकड़ों किमी तक फैलते हैं ये ज़हरीले कण।

  3. दीर्घकालिक प्रभाव: ये कण मिट्टी, पानी और हवा को सालों तक जहरीला बना देते हैं — जिससे कैंसर, अनुवांशिक बीमारियां और पारिस्थितिक तबाही होती है।

 1954 का ‘कैसल ब्रावो’ टेस्ट इसका उदाहरण है, जिसकी वजह से मार्शल द्वीप समूह दशकों तक प्रभावित रहा।

किसके पास है ये 'अल्टीमेट विनाश' की ताकत?

देश

परीक्षण वर्ष

अनुमानित हथियार

रूस

1955 (Tsar Bomba 1961)

4,380

अमेरिका

1952 ('Ivy Mike')

3,708

चीन

1967

500

यूके

1957

225

फ्रांस

1968

290

भारत

1998 (पोखरण-II में दावा)

172 (हाइड्रोजन बम की पुष्टि नहीं)

पाकिस्तान

-

170

उत्तर कोरिया

2017 (टेस्ट का दावा)

50

इज़राइल

गुप्त

90 अनुमानित

 अगर फटे हाइड्रोजन बम, तो क्या हो?

  1. तत्काल विनाश: 50 मेगाटन का बम 25-30 किमी तक हर चीज को मिटा सकता है।

  2. हीट वेव: 100 किमी तक जलन और आग फैला सकती है।

  3. रेडियोधर्मी फॉलआउट: खाद्य, जल स्रोत और स्वास्थ्य सब प्रभावित होते हैं।

  4. पर्यावरणीय तबाही: ओजोन परत को नुकसान, जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा।

  5. मानव हानि: एक ही विस्फोट लाखों लोगों की जान ले सकता है और कई पीढ़ियों को प्रभावित कर सकता है।

 

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