Karwa Chauth Vrat In Period: क्या पीरियड्स में करवा चौथ का व्रत रखना पाप है? जानिए सही तरीका और इस भ्रम का सच

Edited By Updated: 08 Oct, 2025 11:32 AM

tips for women you can observe karwa chauth fast even during your periods

करवा चौथ का कठोर व्रत इस साल 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को रखा जाएगा। यह व्रत सुहागिनों के लिए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जिसमें महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला (अन्न और जल का त्याग) उपवास रखती हैं।...

नेशनल डेस्क। करवा चौथ का कठोर व्रत इस साल 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को रखा जाएगा। यह व्रत सुहागिनों के लिए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जिसमें महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला (अन्न और जल का त्याग) उपवास रखती हैं। इस व्रत में शुद्धता का विशेष ध्यान रखना होता है।

क्या पीरियड्स (मासिक धर्म) में व्रत रख सकते हैं?

यह सवाल हर विवाहित महिला के मन में आता है कि यदि करवा चौथ के आस-पास या व्रत के दिन पीरियड्स आ जाएं तो क्या करें?

उत्तर है: हां आप व्रत रख सकती हैं।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीरियड्स (Masik Dharm) में भी करवा चौथ का व्रत रखा जा सकता है। हालांकि इस स्थिति में पूजा के नियमों का पालन सावधानी से करना होता है।

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पीरियड्स में करवा चौथ व्रत रखने के नियम

महिलाएं मासिक धर्म में भी सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत वैसे ही रखें जैसे सामान्य दिनों में रखती हैं लेकिन पूजा और शुद्धता को लेकर इन विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है:

पूजा में शामिल न हों: पीरियड्स के दौरान महिला को खुद से पूजा नहीं करनी चाहिए और न ही पूजा की किसी सामग्री को छूना चाहिए।

अन्य से कराएं पूजा: यदि घर में कोई अन्य विवाहित या अविवाहित महिला (ननद, भाभी, बेटी आदि) मौजूद है तो आप उससे अपनी ओर से करवा चौथ की पूजा करवा सकती हैं।

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पति से कराएं पूजा: अगर घर में कोई अन्य महिला मौजूद नहीं है तो आपकी जगह आपके पति भी सभी पूजा अनुष्ठान कर सकते हैं।

दूरी से शामिल हों: व्रती महिला पूजा स्थल से थोड़ी दूरी पर बैठकर पूजा विधि में शामिल हो सकती हैं और व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए।

चंद्रमा को अर्घ्य: हालांकि आप इस दिन चंद्रमा की पूजा कर सकती हैं। रात में चांद निकलने पर उसे अर्घ्य दें (बिना पूजा की सामग्री छुए) और पति का चेहरा देखकर अपना व्रत पारण (उपवास खोलना) कर सकती हैं।

ये नियम सुनिश्चित करते हैं कि आप अपनी श्रद्धा और समर्पण बनाए रखें जबकि धार्मिक शुद्धता के मानकों का भी पालन हो जाए।

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