दो दोस्तों ने किया लड़की का रे/प, जिंदा लड़की को भट्टी में डालकर जलाया, फिर लाश को 20 टुकड़ों में काटकर...

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 05:03 PM

two friends raped a girl burnt her alive in a furnace

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक वीरान इलाके में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह कहानी है 'भीलवाड़ा भट्टी हत्याकांड' की, जहाँ एक 16-17 साल की नाबालिग लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। यह घटना आपके...

नेशनल डेस्क: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक वीरान इलाके में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह कहानी है 'भीलवाड़ा भट्टी हत्याकांड' की, जहाँ एक 16-17 साल की नाबालिग लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। यह घटना आपके रोंगटे खड़े कर देगी।

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चीखती-चिल्लाती लड़की को घसीटा, फिर पीटकर जलाया

खेतों के बीच एक वीरान जगह पर कालू और कान्हा नाम के दो लड़के एक दुबली-पतली लड़की को बेरहमी से घसीट रहे थे। लड़की के कपड़े फटे हुए थे, शरीर पर खून के धब्बे थे और वह दर्द से चीख रही थी, "मुझे छोड़ दो, घर जाने दो… मुझे मत मारो!" उन्होंने लड़की के सिर पर वार किया, जिससे वो बेहोश हो गई। इसके बाद दोनों दोस्तों ने लड़की को कोयले की भट्टी में फेंक कर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। कुछ ही देर में भट्ठी से मांस जलने की भयानक बदबू आने लगी। लड़की की चमड़ी पिघल रही थी और धुआँ चारों तरफ फैल गया। तीनों भट्ठी के सामने बैठकर लाश को जलते हुए देख रहे थे।

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40 किलो की लाश बनी 10 किलो का लोथड़ा, फिर हुए 20 टुकड़े

शाम के करीब सात बजे कालू ने भट्ठी का दरवाजा खोला। तीन घंटे हो चुके थे और 40-42 किलो की लड़की अब केवल 10 किलो के मांस का लोथड़ा बन चुकी थी। दोनों लड़के घबरा गए। कुछ लोगों की मदद  से उन्होंने लाश को बाहर निकाला। लाश से धुआँ निकल रहा था और उसकी हड्डियाँ साफ दिख रही थीं। इसके बाद लाश पर  पानी डालकर ठंडा कर फावड़े के साथ 20 टुकड़े किए। इन टुकड़ों को दो बोरियों में भरा कर नदी में फेंर दिया और घर आकर तीनों गहरी नींद सो गए।

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कड़े और जले हाथ के टुकड़े से खुली पोल, पुलिस जांच शुरू

उधर, लड़की की माँ (काकी) और एक लड़का (भाई) आवाज़ लगाते हुए कालू और कान्हा के घर के पास पहुँचे। लड़के ने कहा, "मेरी बहन दोपहर से गायब है। तुमने किसी लड़की को देखा?" कालू ने मना कर दिया। लेकिन उस औरत ने भट्ठी की ओर इशारा करते हुए पूछा, "ये भट्ठी क्यों जल रही है?" कालू सकपकाया और बोला, "पता नहीं।" लड़का भट्ठी के पास गया और डंडे से टटोलने लगा। तभी उसे एक चमकीला कड़ा दिखा। उसने उसे निकाला और काकी को दिखाया। कड़ा देखते ही काकी चीख पड़ी, "ये तो मेरी बेटी का कड़ा है! ये यहाँ कैसे?" लड़के ने फिर भट्ठी खोदी और एक जला हुआ हाथ का टुकड़ा मिला। वह चीख पड़ा, "काकी, हमारी गुड़िया को किसी ने जला दिया!"

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काकी और लड़का दौड़ते हुए गाँव के प्रधान के पास पहुँचे। काकी रोते हुए बोली, "प्रधान जी मेरी बेटी को भट्ठी में जला दिया!" प्रधान ने तुरंत पुलिस को फोन किया। खबर गाँव में आग की तरह फैल गई। रात के दो बजे तक गाँव वाले थाने के बाहर जमा हो गए। अगली सुबह पुलिस भट्ठी के पास पहुँची। डीएसपी श्याम सुंदर ने जांच शुरू की। भट्ठी में पानी डाला हुआ था लेकिन दीवारें अभी भी गर्म थीं। कालू, कान्हा, लाड देवी और संजय समेत नौ लोगों को हिरासत में लिया गया।

24 घंटे की पूछताछ में कालू ने कबूला गुनाह

24 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद, कालू ने अपना गुनाह कबूल किया और बताया कि, "साहब, हर दिन लड़की का बाप बकरी चराने आता था। लेकिन जब ये लड़की आई तो उसकी खूबसूरती देखकर मेरा मन डोल गया। मैं जब उसका मुँह बंद कर के ले जाने लगा तो मेरे बड़े भाई कान्हा ने मुझे देख लिया। कान्हा ने मुझे डांटा, लेकिन फिर उसका भी मन डोल गया। फिर पहले कान्हा ने दो बार उसके साथ गलत काम किया और उसके बाद मैंने। लड़की चिल्ला रही थी और कह रही थी कि मुझे जाने दो, मैं अपनी माँ को सब बता दूँगी। उसकी आवाज़ बहुत तेज थी। ऐसे ही चिल्लाते रहती तो कोई हमें देख लेता। इसलिए मैंने उसके सर पर एक लकड़ी से वार किया। हमें लगा वो मर गई, तो हमने उसे भट्ठी में डाल दिया। शरीर आधा जल जाने के बाद हमने उसके शरीर को बाहर निकाला और शरीर के 20 टुकड़े किए फिर नहर में फेंक आए।"

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नहर में मिली जली-कटी लाश, डीएनए टेस्ट से हुई पुष्टि

कालू और कान्हा पुलिस को उस जगह लेकर गए जहाँ लाश को फेंका था। पुलिस ने नहर की तलाशी ली और कुछ टुकड़े बरामद किए। गुड़िया की माँ का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार कह रही थी, "मेरी बेटी को सजने-संवरने का शौक था। उसने क्रीम रंग का लहंगा पहना था। मैंने उसे टोका था, लेकिन उसकी मुस्कान… इन हरामियों ने मेरी बेटी को मार डाला।" उसकी बातें सुनकर गाँव वालों की आँखें नम हो गईं।

डीएसपी श्याम सुंदर ने फौरन कालू और कान्हा को पेनाइल स्वैब टेस्ट के लिए भेज दिया। यह टेस्ट रेप की घटना के 48 से 72 घंटे के भीतर किया जाता है। इस टेस्ट में गुप्तांगों में लगे एलिमेंट्स की जांच की जाती है। जांच में कालू-कान्हा के गुप्तांगों के डीएनए और लड़की की लाश के डीएनए मैच कर गए। यहाँ तक कि कालू और कान्हा के सैंपल आपस में भी मैच कर गए। इससे साफ हो गया कि कालू और कान्हा ने बारी-बारी से गैंगरेप किया था।

9 महीने बाद मिली सजा: दो को फांसी, 7 बरी

कोर्ट में करीब 9 महीने तक यह मामला चला, जिसमें 43 गवाह पेश किए गए। 18 मई 2024 को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट के जज अनिल कुमार गुप्ता ने 100 पन्नों के जजमेंट में फैसला सुनाते हुए कहा, "बचाव पक्ष में जो तर्क दिया गया, उसका कोई आधार नहीं है। पुलिस जांच, फोरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयानों से साफ है कि इन दोनों ने ही लड़की के साथ गैंगरेप किया।"

सभी सबूतों के आधार पर कालू और कान्हा को फाँसी की सज़ा सुनाई गई। वहीं, सबूतों के अभाव में कोर्ट ने कालू और कान्हा की बीवियों, संजय समेत 7 अन्य लोगों को बरी कर दिया। फिलहाल, कालू-कान्हा जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस ने भी बरी हुए बाकी 7 लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है।

 

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