Edited By Mansa Devi,Updated: 26 Dec, 2025 03:09 PM

एयरपोर्ट पर चेक-इन काउंटर से लेकर सिक्योरिटी गेट तक अक्सर यह सवाल यात्रियों को परेशान करता है कि क्या बैग में रखी शराब परेशानी का कारण बन सकती है। त्योहारों और छुट्टियों के मौसम में यह भ्रम और बढ़ जाता है।
नेशनल डेस्क: एयरपोर्ट पर चेक-इन काउंटर से लेकर सिक्योरिटी गेट तक अक्सर यह सवाल यात्रियों को परेशान करता है कि क्या बैग में रखी शराब परेशानी का कारण बन सकती है। त्योहारों और छुट्टियों के मौसम में यह भ्रम और बढ़ जाता है। DGCA के नियम बिल्कुल स्पष्ट हैं, बस उन्हें सही तरीके से समझना जरूरी है।
केबिन बैग में सख्त नियम
केबिन बैग यानी हैंडबैगेज में शराब ले जाने पर नियम सबसे कड़े हैं। DGCA के अनुसार, किसी भी यात्री को 100 मिलीलीटर से ज्यादा शराब केबिन बैग में रखने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा, शराब को पारदर्शी और रिसाव-रहित कंटेनर में रखना अनिवार्य है। नियम का उल्लंघन होने पर सिक्योरिटी चेक के दौरान बोतल जब्त की जा सकती है।
चेक-इन बैग में अधिकतम 5 लीटर
असल राहत चेक-इन बैग में मिलती है। घरेलू हवाई यात्रा के दौरान यात्री अपने चेक-इन लगेज में अधिकतम 5 लीटर शराब ले जा सकते हैं। यह मात्रा अलग-अलग बोतलों में हो सकती है, जैसे एक लीटर की पांच बोतलें। व्हिस्की, रम, वोडका या जिन किसी भी प्रकार की शराब इस सीमा में स्वीकार्य है।
अल्कोहल प्रतिशत और वजन का ध्यान
किसी भी बोतल में अल्कोहल की मात्रा 70 प्रतिशत ABV से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, बैग का कुल वजन एयरलाइन की तय सीमा के भीतर होना जरूरी है। वजन अधिक होने पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है, भले ही शराब नियमों के भीतर ही क्यों न हो।
सुरक्षित पैकिंग जरूरी
DGCA और एयरलाइंस दोनों ही सील-पैक बोतलों को प्राथमिकता देते हैं। शराब की बोतलें लीक-प्रूफ होनी चाहिए ताकि उड़ान के दौरान रिसाव न हो। बेहतर है कि बोतलें उनकी ओरिजनल पैकिंग में हों। यदि ओरिजनल पैकिंग न हो, तो बबल रैप या मोटे कपड़े में अच्छी तरह लपेटना जरूरी है। खराब पैकिंग होने पर एयरलाइन बोतल ले जाने से मना कर सकती है।