Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Jan, 2023 02:54 PM
नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारत की उच्च आर्थिक वृद्धि और कारोबारी माहौल को अधिक बेहतर बनाने के उपायों के कारण आने वाले महीनों में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) फिर से बढ़ने की उम्मीद है।
नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारत की उच्च आर्थिक वृद्धि और कारोबारी माहौल को अधिक बेहतर बनाने के उपायों के कारण आने वाले महीनों में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) फिर से बढ़ने की उम्मीद है।
आर्थिक समीक्षा 2022-23 में मंगलवार को यह बात कही गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह घटा है।
समीक्षा कहती कि वैश्विक स्तर पर मौद्रिक सख्ती ने भी एफडीआई प्रवाह को रोकने में अपनी भूमिका निभाई।
समीक्षा के मुताबिक, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपनी उच्च वृद्धि को बरकरार रखा है, इसलिए एफडीआई प्रवाह में सुधार की उम्मीद है। मुद्रास्फीति का दबाव कम होने के साथ दुनियाभर में मौद्रिक सख्ती से भी राहत मिलेगी।''
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान भारत में एफडीआई प्रवाह 14 प्रतिशत घटकर 26.9 अरब डॉलर रह गया।
कुल एफडीआई प्रवाह चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में सालाना आधार पर 42.86 अरब डॉलर से घटकर 39 अरब डॉलर रह गया।
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