Edited By Pardeep,Updated: 03 May, 2022 10:16 PM
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को भारत को अक्षय ऊर्जा (आरई) में निवेश के लिए सबसे बेहतर जगह बताते हुए, जर्मन ऊर्जा कंपनियों को देश में निवेश करने के लिए आमंत्रित
नई दिल्लीः केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को भारत को अक्षय ऊर्जा (आरई) में निवेश के लिए सबसे बेहतर जगह बताते हुए, जर्मन ऊर्जा कंपनियों को देश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। प्रमुख जर्मन ऊर्जा कंपनियों के साथ वर्चुअल गोलमेज बैठक में, सिंह ने कहा कि भारत पहले से ही दुनिया में सबसे बड़ी आरई क्षमता में से एक है और आरई क्षमता वृद्धि की दर सबसे तेज भी है।
भारत दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक होगा
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने उपयोग के लिए बैटरी स्टोरेज, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया में कुछ सबसे बड़ी क्षमताओं को भी जोड़ देगा और बढ़ती वैश्विक मांग को भी पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक होगा, साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने जर्मन कंपनियों को कहा कि भारत की योजना अपतटीय क्षेत्र में पवन उर्जा की महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगी।
उन्होंने कहा,‘‘हमारी योजना अपने देश में 30,000 मेगावाट अपतटीय पवन ऊर्जा की क्षमता रखने की है।'' उन्होंने जर्मन कंपनियों को उच्च दक्षता वाले सौर सेल और मॉड्यूल के निर्माण में भाग लेने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि जर्मनी को बड़ी मात्रा में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया आयात करने की आवश्यकता होगी और उन्हें भारत से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि भारत और जर्मनी ने सोमवार को इंडो-जर्मन हाइड्रोजन टास्क फोर्स पर एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।