Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 31 May, 2025 01:51 PM

गर्मियों में बिजली की कटौती आम बात हो गई है। ऐसे में इनवर्टर हमारे लिए बड़ी राहत बनते हैं जो पंखा, लाइट और जरूरी इलेक्ट्रॉनिक्स को चलाकर हमें गर्मी से राहत देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस इनवर्टर की बैटरी को सही देखभाल न मिले तो यह कब...
नेशनल डेस्क: गर्मियों में बिजली की कटौती आम बात हो गई है। ऐसे में इनवर्टर हमारे लिए बड़ी राहत बनते हैं जो पंखा, लाइट और जरूरी इलेक्ट्रॉनिक्स को चलाकर हमें गर्मी से राहत देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस इनवर्टर की बैटरी को सही देखभाल न मिले तो यह कब साथ छोड़ सकता है? आजकल ज्यादातर घरों में इनवर्टर तो हैं लेकिन 90% लोग यह नहीं जानते कि इनवर्टर की बैटरी में कब पानी डालना चाहिए। यही वजह है कि थोड़े समय बाद ही बैटरी की परफॉर्मेंस गिरने लगती है या वह पूरी तरह खराब हो जाती है। इनवर्टर की बैटरी में डिस्टिल्ड वॉटर यानी आसुत जल डाला जाता है। यह पानी बैटरी के अंदर होने वाले केमिकल रिएक्शन को स्थिर बनाए रखता है जिससे बैटरी चार्ज होती है। अगर पानी समय से नहीं डाला गया तो बैटरी अंदर से सूखने लगती है और फिर चार्ज नहीं हो पाती।
आपके उपयोग के हिसाब से तय करें पानी भरने का समय
पानी कब डालना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका इनवर्टर कितनी देर चलता है।
पानी कम हुआ तो क्या होगा?
अगर बैटरी में पानी की मात्रा घटती जाती है और समय रहते नहीं डाला गया तो बैटरी ड्राय हो जाती है। इससे उसकी परफॉर्मेंस डाउन होने लगती है और धीरे-धीरे वह खराब होने लगती है। खराब बैटरी फिर जल्दी चार्ज नहीं होती और इनवर्टर जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है। कई लोग गलती से नल या आरओ का पानी डाल देते हैं जो बैटरी को नुकसान पहुंचाता है। हमेशा डिस्टिल्ड वॉटर ही इस्तेमाल करें क्योंकि इसमें कोई खनिज या केमिकल नहीं होता जो बैटरी को खराब करे।
इनवर्टर की लंबी उम्र चाहते हैं तो ये रखें ध्यान
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हर 30-45 दिन में बैटरी का वाटर लेवल चेक करें
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डिस्टिल्ड वॉटर के अलावा कोई और पानी न डालें
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बैटरी को गर्मी और धूल से बचाकर रखें
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बैटरी के टर्मिनल्स को समय-समय पर साफ करें