Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Dec, 2022 05:23 PM
2022 में भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ के जरिए निवेशकों ने खूब पैसे बनाए और अब अगले साल 2023 में भी उन्होंने कमाई के ऐसे और मौके मिलेंगे क्योंकि नए साल की शुरुआत में कई IPO बाजार में सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होंगे।
मुंबईः 2022 में भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ के जरिए निवेशकों ने खूब पैसे बनाए और अब अगले साल 2023 में भी उन्होंने कमाई के ऐसे और मौके मिलेंगे क्योंकि नए साल की शुरुआत में कई IPO बाजार में सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होंगे। प्राइमडेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 89 कंपनियां 2023 में लगभग 1.4 खरब रुपए जुटाने के लिए दलाल स्ट्रीट पर दस्तक देंगी।
2021 में कुल 63 फर्मों ने भारत में आईपीओ के माध्यम से 1.19 खरब रुपए जुटाए, जबकि 2022 में नवंबर तक 33 कंपनियों ने 55,145.80 करोड़ रुपए जुटाए हैं। यहां उन कंपनियों के नाम हैं जिन्हें आईपीओ के लिए सेबी से हरी झंडी मिल गई है और अब अप्रूवल का इंतजार है।
कुछ IPO ने दिए तगड़े रिटर्न्स
कुछ फंड मैनेजरों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में आईपीओ ने उन्हें अल्फा जेनरेट करने में मदद की है। भारतीय बाजार समय के साथ नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं। दरअसल म्यूचुअल फंड में ‘अल्फा’ निवेश के प्रदर्शन को परखने का महत्वपूर्ण पैमाना है। अल्फा को समझकर यह पता लगाया सकता है कि किसी स्कीम में निवेश कितना बढ़िया है। पिछले कुछ आईपीओ में अल्फा जनरेशन काफी अच्छा रहा है। हालांकि, फिर भी कुछ निवेशक अब आईपीओ में निवेश करने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि पेटीएम, पॉलिसी बाजार और जोमैटो समेत कुछ लिस्टेड कंपनियों के शेयर उनके आईपीओ प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं।
क्या होता है IPO?
आईपीओ का मतलब Initial Public Offering होता है, जब भी कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है। देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां सक्रिय हैं, जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं। हर कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने से पहले आईपीओ लेकर आती है। आईपीओ सब्सक्रिप्शन के बाद कंपनी मार्केट में लिस्ट हो जाती है। इसके बाद निवेशक कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं।