आम्रपाली के होम बायर्स की मुश्किलें बढ़ी, देने पड़ सकते हैं लाखों रुपए एक्सट्रा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2022 11:56 AM

amrapali s home buyers face difficulties may have to pay lakhs

आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स में फंसे होम बायर्स की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आम्रपाली ग्रुप के सभी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में फंड की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर ने फंड की कमी को पूरा करने...

बिजनेस डेस्कः आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स में फंसे होम बायर्स की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आम्रपाली ग्रुप के सभी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में फंड की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर ने फंड की कमी को पूरा करने के लिए होम बायर्स से फंड जुटाने का फैसला किया है। रिसीवर ने होम बायर्स से उनके फ्लैट पर प्रति स्क्वायर 200 रुपए की अतिरिक्त राशि जमा कराने को कहा है। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि होम बायर्स ने करीब एक दशक पहले बुकिंग की थी और उसके बाद से कंस्ट्रक्शन की कीमत में भारी इजाफा हुआ है। अब एक अलग फंड बनाया गया है जहां होम बायर्स को अतिरिक्त पैसा जमा करना होगा। इसे Sinking cum Reserve Fund नाम दिया गया है।

रिसीवर द्वारा मैनेज की जाने वाली वेबसाइट पर जारी नोटिस में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में कमी और इंटरेस्ट कॉस्ट के लिए Sinking cum Reserve Fund बनाया जाएगा। सभी होम बायर्स को 200 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से पैसे जमा कराने को कहा जाएगा। इसमें यह शर्त होगी कि अगर इसका इस्तेमाल नहीं हुआ तो इसे प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद रिफंड कर दिया जाएगा। अगर इसमें से कुछ पैसों का इस्तेमाल हुआ तो बाकी पैसे वापस कर दिए जाएंगे। आम्रपाली प्रोजेक्ट्स के सभी कैटगरी के होम बायर्स को इस फंड में पैसे जमा कराने होंगे।

होम बायर्स में क्या है डर

इस तरह होम बायर्स को फ्लैट लेने के लिए कई लाख रुपये अधिक चुकाने पड़ सकते हैं। होम बायर्स ने रिसीवर के इस फैसले का विरोध किया है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं। सुप्रीम कोर्ट इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहा है। होम बायर्स के वकील एमएल लाहोटी का कहना है कि घर खरीदार कई साल से फ्लैट का इंतजार कर रहे हैं और उन पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनी के प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स से पैसों की वसूली की जानी चाहिए जिन्होंने होम बायर्स के पैसों को कहीं और लगा दिया।

इस पॉलिसी के आने के बाद बायर्स में डर है। आम्रपाली के बायर के. के. कौशल का कहना है कि कोर्ट ने बायर्स को राहत देने के लिए इतना बड़ा ऐतिहासिक फैसला लिया था। इधर देखने में आ रहा है कि मॉनिटरिंग कमिटी एक के बाद एक इस तरह का दबाव बनाकर बायर्स की दिक्कत बढ़ा रही है। पहले यह कमिटी अंडर वैल्यू के मसले पर दोबारा पैसे लेने का प्रस्ताव लेकर कोर्ट में गई। अब रिजर्व फंड के नाम पर बायर्स से अतिरिक्त पैसा लेने की प़ॉलिसी लेकर कोर्ट में जा रहे हैं। हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। बायर्स की तकलीफ को जरूर ध्यान में रखा जाएगा।

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