आम्रपाली होमबायर्स के लिए बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 10 हजार घर घरीदारों को मिली बड़ी राहत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Apr, 2022 12:53 PM

big news for amrapali homebuyers this decision of the supreme court

आम्रपाली होमबायर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को बैंकों से कहा कि वह ऐसे होमबायर्स के लोन अकाउंट को रेग्युलराइज करे, जिन्होंने सबवेंशन स्कीम का फायदा उठाया है। इस स्कीम के तहत किसी अकाउंट के एनपीए हो जाने के बावजूद ईएमआई...

नई दिल्लीः आम्रपाली होमबायर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को बैंकों से कहा कि वह ऐसे होमबायर्स के लोन अकाउंट को रेग्युलराइज करे, जिन्होंने सबवेंशन स्कीम का फायदा उठाया है। इस स्कीम के तहत किसी अकाउंट के एनपीए हो जाने के बावजूद ईएमआई डिफॉल्ट होने की स्थिति में पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंक मूल राशि और उस पर लगने वाले इंट्रेस्ट के हकदार बने रहेंगे। सबवेंशन स्कीम एक कानूनी समझौता है। यह समझौता मकान खरीदार, संपत्ति विकसित करने वाली कंपनियों और होम लोन देने वाले बैंकों के बीच होता है। इस योजना के तहत खरीदार को ईएमआई के रूप में कोई भी राशि देने की तब तक जरूरत नहीं होती, जब तक परियोजना पूरी नहीं हो जाती और मकान खरीदार को फ्लैट नहीं मिल जाता।

करीब 10 हजार मकान खरीदारों ने सबवेंशन स्कीम का लाभ लिया था लेकिन आम्रपाली समूह की कंपनियों के परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में चूक के कारण खरीदारों के ऊपर कर्ज के एवज में ईएमआई का बोझ डाला गया, जबकि उन्हें फ्लैट पर कब्जा भी नहीं मिला। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा, तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, हमारा मानना है कि फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा तभी होगी, जब उन चूककर्ता मकान खरीदारों के खातों को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा और न ही सिबिल स्कोर को शून्य स्तर पर रखा जाएगा। पीठ ने कहा कि कोई भी बैंक फ्लैट खरीदारों की तरफ से चूक के एवज में जुर्माना नहीं लगाएगा। हालांकि, बैंक मूल राशि और उस पर ब्याज के हकदार हैं।

पोजेशन मिलने के बाद EMI की शुरुआत होगी
न्यायालय ने कहा कि मकान खरीदारों की देनदारी उस समय से शुरू होगी, जब फ्लैट का अधिकार उन्हें दिया जाता है और उस समय वे अपनी देनदारी निभाएंगे। उस समय मकान खरीदार अगर देनदारी को पूरा नहीं करते तो बैंक उपयुक्त कार्रवाई कर सकते हैं।

बैंकों के कंसोर्टियम ने डाले 1500 करोड़
बता दें कि 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को यह बताया गया था कि सात बैंकों का कंसोर्टियम आम्रपाली ग्रुप के अटके प्रोजेक्ट्स में मिलकर 1500 करोड़ डालने के लिए तैयार है। इसमें से 150 करोड़ सीधा NBCC को ट्रांसफर किया जाएगा। 23 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप का रजिस्ट्रेशनल कैंसिल कर दिया था। आम्रपाली ग्रुप के पूर्व डायरेक्टर, अनिल शर्मा, शिव प्रिया, अजय कुमार फिलहाल कोर्ट के आदेश के अनुरूप जेल में बंद हैं।
 

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