वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- देश को SBI जैसे चार-पांच और बैंक की जरूरत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2021 05:03 PM

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त्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और उद्योगों की बदल रही जरूरतों को पूरा करने लिए स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे चार-पांच और बैंक की जरूरत है। सीतामरण ने भारतीय बैेंक संघ (आईबीए) की 74वीं आम सभा की बैठक को

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और उद्योगों की बदल रही जरूरतों को पूरा करने लिए स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे चार-पांच और बैंक की जरूरत है। सीतामरण ने भारतीय बैेंक संघ (आईबीए) की 74वीं आम सभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "हमें अर्थव्यवस्था और उद्योग की हालिया वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंकिंग को बढ़ाने की जरूरत है। देश को एसबीआई जैसे चार-पांच और बैंकों की जरूरत है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से एक अलग धरातल पर शिफ्ट हो रही है, ऐसे में कई नई चुनौतियां भी सामने हैं।''

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वित्त मंत्री ने कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली को तत्काल और दीर्घकाल में कैसा होना चाहिए, इसकी कल्पना उद्योगों को करनी चाहिए। यदि कोरोना महामारी के बाद के परिद्दश्य को देखा जाए तो डिजिटलीकरण को बेहद सफल तरीके से अपनाने के कारण देश के लिए बैंकिंग रूपरेखा बहुत ही अनोखी हो गई है। महामारी के दौरान कई देशों में बैंक अपने ग्राहकों तक नहीं पहुंच सके लेकिन डिजिटलीकरण के कारण भारतीय बैंकों ने डीबीटी और डिजिटल तंत्र के माध्यम से छोटे, मध्यम और बड़े खाताधारकों को धन हस्तांतरित करने में मदद की है। उन्होंने बैंकिंग उद्योग के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने में निर्बाध और परस्पर जुड़ी डिजिटल प्रणाली के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भविष्य में देश की बैंकिंग व्यवस्था काफी हद तक डिजीटल प्रक्रियाओं द्वारा संचालित होगी।  

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सीतारमण ने डिजिटलीकरण के फायदों के बावजूद कहा कि वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में व्यापक असमानताएं हैं। देश के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां बैंक जरूरी हैं। उन्होंने आईबीए को तकर्संगत द्दष्टिकोण और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का अधिकतम इस्तेमाल कर हर जिले में बैंकिंग की पहुंच में सुधार करने के लिए कहा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने आईबीए को प्रत्येक जिले के लिए सभी बैंक शाखाओं की डिजिटलीकृत स्थान-वार मैपिंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि देश की लगभग 7.5 लाख पंचायतों में से दो-तिहाई के पास ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन है ऐसे में आईबीए को विचार कर यह तय करना चाहिए कि बैंकों की भौतिक उपस्थिति कहां होनी चाहिए और हम कहां-कहां शाखाओं के बिना भी ग्राहकों की सेवा करने में सक्षम हैं।

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वित्त मंत्री ने बैंकरों को प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव के अनुरूप उसे अपनाने की आवश्यकता दुहराते हुए कहा, ‘‘हम जो आज सोचते हैं वह हमारे लिए नया है लेकिन एक साल में वह पुराना हो जाएगा इसलिए हमें खुद को लगातार अपडेट करने के लिए संसाधन जुटाने होंगे। वर्ष 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें एक लाख करोड़ डॉलर मर्चेंडाइज और एक लाख करोड़ डॉलर का सेवा निर्यात शामिल है। तेजी से बदलाव के इस युग में महामारी के बाद, हम ग्राहकों को कैसे देखते हैं इसमें बहुत सारी चुनौतियां आने वाली हैं। इन चुनौतियों का समाधान तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि बैंक विभिन्न व्यवसायों और क्षेत्रों की अच्छी समझ हासिल नही कर ले। इसलिए, बैंकिंग उद्योग को अलग-अलग क्षेत्रों की अनूठी व्यावसायिक जरूरतों और तेजी से रीलोकेट होने वाले कई व्यवसायों को समझने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता है।'' 

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