तीन महीने में 30 डॉलर गिर चुका है कच्चा तेल, क्या करें पेट्रोल-डीजल के भाव

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Sep, 2022 10:56 AM

crude oil has fallen by 30 in three months what to do with the price

अंततराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में जून की शुरुआत के बाद से 30 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है। महंगाई को काबू में करने के लिए अमेरिकी फेड रिजर्व समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। साथ ही अमेरिका और कई दूसरे

बिजनेस डेस्कः अंततराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में जून की शुरुआत के बाद से 30 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है। महंगाई को काबू में करने के लिए अमेरिकी फेड रिजर्व समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। साथ ही अमेरिका और कई दूसरे देशों में मंदी की आशंका है। इससे आने वाले दिनों में तेल की मांग प्रभावित होने की आशंका है। कई फाइनेंशियल और ट्रेड इंडिकेटर्स भी आने वाले दिनों में मंदी का संकेत दे रहे हैं। इससे तेल की कीमत एक रेंज में ट्रेड कर रही है। हालांकि अपने यहां पिछले पांच महीने से पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं आया है।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अप्रैल के बाद से इसमें बदलाव नहीं किया है। उनका कहना है कि उन्हें अब भी खासकर डीजल पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसकी वजह है कि पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता है। दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपए और डीजल की कीमत 89.62 रुपए प्रति लीटर पर बनी हुई है। वहीं मायानगरी मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपए प्रति लीटर और डीजल 94.27 रुपए प्रति लीटर पर मिल रहा है। चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपए प्रति लीटर पर और डीजल 94.24 रुपए प्रति लीटर पर मिल रहा है। इसके अलावा कोलकाता में सोमवार को पेट्रोल 106.03 रुपए प्रति लीटर पर और डीजल 92.76 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा है।

कब से नहीं बदली कीमत

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो कच्चे तेल की कीमत में भारी उतारचढ़ाव आया है लेकिन अपने यहां करीब पांच महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन बीते सात अप्रैल से इसके दाम में कोई घट-बढ़ नहीं हुई है। 22 मई से सरकार ने पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी का फैसला किया। इससे दिल्ली में पेट्रोल का दाम घट कर 96.72 रुपए पर आ गया। पिछले साल सितंबर के बाद पेट्रोल के मुकाबले डीजल का बाजार ज्यादा तेज हुआ था। कारोबारी लिहाज से देखें तो पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता है। लेकिन भारत के खुले बाजार (Retail Market) में पेट्रोल महंगा बिकता है और डीजल सस्ता बिकता है। इस साल 22 मार्च से डीजल की कीमतें पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा बढ़ी हैं। हालांकि बीते 7 अप्रैल से इसके दाम भी स्थिर हैं। 22 मई को दिल्ली में इसकी कीमतों में 7.35 पैसे कमी हुई थी। उसके बाद इसके दाम घट कर 89.62 रुपये प्रति लीटर पर आ गया।

कच्चे तेल की कीमत में गिरावट

सोमवार को शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड 97 सेंट की तेजी के साथ 92.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसी तरह यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) भी 84 सेंट चढ़कर 85.95 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। हाल के दिनों में इसकी कीमत स्थिर बनी हुई है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में मंदी की आशंका है। साथ ही चीन में कोरोना का मामलों के बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने की संभावना है। इससे आने वाले दिनों में तेल की मांग प्रभावित हो सकती है।

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