भारत दे सकता है 18 वस्तुओं के निर्यात पर बल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Dec, 2022 01:37 PM

india can give emphasis on export of 18 items

विकसित देशों में भारतीय वस्तुओं की मांग में कमी को देखते हुए भारत विकासशील देशों में 18 उत्पादों के निर्यात पर जोर दे सकता है। इनमें कीटनाशक, निर्माण सामग्री, रसायन, लौह एवं स्टील जैसी वस्तुएं शामिल हैं। इस समय भारत विकासशील देशों की इन

नई दिल्लीः विकसित देशों में भारतीय वस्तुओं की मांग में कमी को देखते हुए भारत विकासशील देशों में 18 उत्पादों के निर्यात पर जोर दे सकता है। इनमें कीटनाशक, निर्माण सामग्री, रसायन, लौह एवं स्टील जैसी वस्तुएं शामिल हैं। इस समय भारत विकासशील देशों की इन वस्तुओं की सिर्फ 2.5 प्रतिशत मांग पूरी करता है। एमवीआईआरडीसी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर मुबई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर भारत अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर पाने में सफल होता है तो इससे निर्यात बढ़कर 34 अरब डॉलर हो सकता है।

विदेश में मांग की कमी, भूराजनीतिक तनावों और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की वजह से नवंबर में भारत के वाणिज्यक वस्तुओं का निर्यात महज 0.59 प्रतिशत बढ़कर 31.99 अरब डॉलर रहा है और विदेशी खेप पर अभी इन बाहरी वजहों का असर जारी रहने की संभावना है। लगातार एक साल से टिकाऊ वृद्धि के बाद जुलाई से ही निर्यात सुस्त है।

अक्टूबर में भारत के वाणिज्यक वस्तुओं का निर्यात 2 साल में पहली बार संकुचित हुआ था, क्योंकि त्योहारों के मौसम और बाहरी वजहों से मांग प्रभावित हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे समय में विकासशील देश भारत के निर्यात के क्षमतावान केंद्र हो सकते हैं, जब अगड़े देशों में मंदी की स्थिति है। संयुक्त राष्ट्र की सांख्यिकी शाखा के वर्गीकरण के मुताबिक 181 विकासशील देश हैं। भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में विकासशील देशों का हिस्सा 2016 के 58 प्रतिशत से गिरकर 2021 में 55 प्रतिशत रह गया है।

अंकटाड के आंकड़ों के मुताबिक ये विकासशील देश कुल मिलाकर 9.2 लाख करोड़ डॉलर के वस्तुओं का आयात करते हैं और भारत इनकी आयात मांग बमुश्किल 2.5 प्रतिशत पूरी कर पाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जर्मनी, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत विकासशील देशों में निर्यात करने वाला नवां बड़ा निर्यातक है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विकासशील देश इन 18 उत्पादों का सालाना 2,163 करोड़ रुपये का आयात करते हैं, जिसमें भारत 74 अरब डॉलर का या कुल निर्यात मांग का 3 प्रतिशत निर्यात करता है। अगर भारत अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने में सफल हो जाता है तो इससे वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात बढ़कर 34 अरब डॉलर या देश के कुल वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात का 8 प्रतिशत हो जाएगा।’

डब्ल्यूटीसी मुंबई ने 18 उत्पादों को चिह्नित किया है, जहां विकासशील देशों के कुल आयात में भारत अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है और 2016 से इनमें तेजी है। इन 18 उत्पादों में से 10 उत्पाद में भारत की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से कम है, जिससे पता चलता है कि भारत निर्यात बढ़ा सकता है। 10 उत्पाद ऐसे हैं, जहां भारत कुल आयात मांग की 1 प्रतिशत आपूर्ति करता है। इनमें लकड़ी के उत्पाद, इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, डेयरी उत्पाद, फर्नीचर, पेय पदार्थ, विद्युत मशीनरी, खिलौने, कार्यालय मशीनें, उर्वरक और लुगदी शामिल हैं।
 

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