Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Mar, 2023 06:20 PM
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे वेंकटरामू ने मंगलवार को कहा कि आईपीपीबी खुद को एक वैश्विक बैंक में बदलना चाहता है क्योंकि डाकघर शाखाओं का विशाल नेटवर्क वित्तीय समावेश हासिल करने में...
नई दिल्लीः इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे वेंकटरामू ने मंगलवार को कहा कि आईपीपीबी खुद को एक वैश्विक बैंक में बदलना चाहता है क्योंकि डाकघर शाखाओं का विशाल नेटवर्क वित्तीय समावेश हासिल करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी जब 2018 में शुरू हुई थी तब 80 प्रतिशत लेनदेन नकद में होता था।
हालांकि, लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी अपनाने के बाद अब 80 प्रतिशत लेनदेन डिजिटल जबकि सिर्फ 20 प्रतिशत लेनदेन नकद में होता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में वेंकटरामू ने कहा, “... यदि हमें एक संपूर्ण बैंकिंग लाइसेंस मिलता है, विशेष रूप से वित्तीय समावेशन के लिए तो हमें बड़े लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।”
वह बैंक के सार्वभौमिक बैंक लाइसेंस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से संपर्क करने से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्ज वित्तीय समावेश के साथ-साथ सामाजिक उत्थान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। डाकघरों का विशाल नेटवर्क वित्तीय समावेश और कर्ज का विस्तार करने में मदद कर सकता है।