भारत की निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण बहुपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों पर नजरः गोयल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jan, 2023 03:42 PM

india s eye on fair and just multilateral free trade agreements goyal

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि कई देशों के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने को लेकर बातचीत सही दिशा में चल रही है और इसके साथ ही कुछ 'निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण' बहुपक्षीय समझौतों पर भी भारत की नजर है।

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि कई देशों के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने को लेकर बातचीत सही दिशा में चल रही है और इसके साथ ही कुछ 'निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण' बहुपक्षीय समझौतों पर भी भारत की नजर है। भारत ने वर्ष 2022 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए को लागू कर इन देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इसके अलावा ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए को लेकर बातचीत का दौर जारी है। 

गोयल ने '27वें व्हार्टन इंडिया इकोनॉमिक फोरम' को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कई देशों के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता संपन्न करने को लेकर भारत की बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा भारत की नजर एक या दो बहुपक्षीय व्यापार समझौतों पर भी है। हमें उम्मीद है कि इनसे हमें लाभ हो सकता है।" किसी मुक्त व्यापार समझौते के तहत दोनों पक्ष एक-दूसरे के अधिकांश उत्पादों एवं सेवाओं को शुल्क-मुक्त या न्यूनतम शुल्क पर पहुंच देते हैं। इससे उनके बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा मिलता है। 

गोयल ने कहा कि द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों का हिस्सा बनना भारत के हित में है। उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि समझौते संतुलित हों और वे दोनों ही देशों के हित में हों। वे दोनों देशों के संवेदनशील पहलुओं का ध्यान रखते हैं और कुछ खास क्षेत्रों को संरक्षण देने में भी मदद करते हैं।" उन्होंने कहा कि भारत हरेक उत्पाद को सक्षम ढंग से नहीं बना सकता है और ऐसी स्थिति में उन उत्पादों का आयात करना महत्वपूर्ण हो जाता है। वहीं कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर और दवा जैसे कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारत प्रतिस्पर्द्धी है और ये व्यापार समझौते कारगर साबित हो सकते हैं। 

उन्होंने क्षेत्रीय व्याप आर्थिक भागीदारी (आर-सेप) समझौते का हिस्सा भारत के नहीं बनने का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक निष्पक्ष समझौता नहीं है और पूरी तरह असंतुलित है। उन्होंने कहा कि आर-सेप में शामिल एक देश की व्यापार प्रणाली 'काफी धुंधली' है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों एवं सेवाओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। 

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