Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jun, 2025 06:15 PM

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत अपनी शानदार आर्थिक वृद्धि के चलते वर्ष 2030 तक वैश्विक तेल मांग वृद्धि की अगुवाई करेगा और 10 लाख बैरल तेल प्रतिदिन की मांग बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार को जारी अपनी एक...
नई दिल्लीः दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत अपनी शानदार आर्थिक वृद्धि के चलते वर्ष 2030 तक वैश्विक तेल मांग वृद्धि की अगुवाई करेगा और 10 लाख बैरल तेल प्रतिदिन की मांग बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक तेल मांग में इस दशक के अंत तक 25 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की वृद्धि होने की उम्मीद है। इस तरह तेल की कुल मांग 2030 तक बढ़कर 10.55 करोड़ बीपीडी हो जाएगी। कच्चे तेल के बाजार में किसी भी बड़े व्यवधान को छोड़ दिया जाए तो इस दशक के अंत तक अच्छी आपूर्ति रहने की उम्मीद है।
वैश्विक ऊर्जा निगरानी संस्था आईईए का अनुमान है कि भारत में कच्चे तेल की मांग बढ़कर 2030 में 66.6 लाख बीपीडी हो जाएगी जो 2024 में 56.4 लाख बीपीडी थी। भारत अपनी तेल जरूरतों का 95 प्रतिशत आयात के ही जरिये पूरा करता है। बयान के मुताबिक, ''भारत की तेल मांग पूर्वानुमान अवधि में 10 लाख बीपीडी तक बढ़ जाएगी। किसी भी अन्य देश की तुलना में यह काफी अधिक है। शानदार जीडीपी वृद्धि को देखते हुए औसत वार्षिक दर 2.8 प्रतिशत होगी।''
दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता अमेरिका में मांग 2025 में 2.04 करोड़ बीपीडी के शिखर पर पहुंच सकती है, जिसके बाद इसमें गिरावट का दौर शुरू हो सकता है जो 2030 में दो करोड़ बीपीडी तक आ सकता है। दूसरे प्रमुख तेल उपभोक्ता देश चीन में तेल की मांग 2027 में चरम पर पहुंचकर 1.69 करोड़ बीपीडी हो जाने का अनुमान है। इसके बाद इसमें गिरावट शुरू होगी और 2030 में यह 1.66 करोड़ बीपीडी तक पहुंच जाएगी।