Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Apr, 2025 11:17 AM

इंडसइंड बैंक को उस समय झटका लगा जब उसके एमडी और सीईओ सुमंत कथपालिया ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की खबर सामने आते ही बैंक के शेयरों में 3% तक की गिरावट दर्ज की गई, हालांकि बाद में शेयरों में कुछ हद तक रिकवरी भी देखी गई। शेयर 3% गिरकर...
बिजनेस डेस्कः इंडसइंड बैंक को उस समय झटका लगा जब उसके एमडी और सीईओ सुमंत कथपालिया ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की खबर सामने आते ही बैंक के शेयरों में 3% तक की गिरावट दर्ज की गई, हालांकि बाद में शेयरों में कुछ हद तक रिकवरी भी देखी गई। शेयर 3% गिरकर ₹810.40 के स्तर पर पहुंच गए।
सुमंत कथपालिया ने नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। जानकारी के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने उनके कार्यकाल को सिर्फ एक साल के लिए बढ़ाया था, जबकि बैंक ने तीन साल के विस्तार की सिफारिश की थी। इससे पहले 28 अप्रैल को बैंक के डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने भी अपना पद छोड़ दिया था।
ब्रोकरेज रिपोर्ट: टारगेट प्राइस में कटौती
एमके ग्लोबल ने इंडसइंड बैंक पर ‘Reduce’ रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस को ₹800 से घटाकर ₹725 कर दिया है। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि टॉप मैनेजमेंट में लगातार इस्तीफों से बिजनेस में डिस्रप्शन और डिपॉजिट गिरने का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा एसेट क्वालिटी पर संभावित असर और नए सीईओ की नियुक्ति में संभावित 3 से 6 महीने की देरी भी निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि आरबीआई द्वारा किसी PSU बैंक अधिकारी को नया सीईओ नियुक्त किए जाने की संभावना है, जैसा कि हाल ही में बंधन बैंक के मामले में हुआ था।
शेयर प्राइस का हाल
इस साल अब तक बैंक का शेयर 15% से अधिक गिर चुका है। पिछले छह महीने में इसमें 22% और एक साल में 45% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, बीते एक महीने में इसमें 20% से अधिक की तेजी आई है, जो हालिया रिकवरी को दर्शाता है।
निवेशकों के लिए चेतावनी
एमके ग्लोबल के मुताबिक मैनेजमेंट अस्थिरता और नए सीईओ की नियुक्ति में अनिश्चितता के चलते इंडसइंड बैंक के शेयर में रिस्क-रिवार्ड फिलहाल आकर्षक नहीं है। अल्पकालिक तेजी के बावजूद दीर्घकालिक चुनौतियां बरकरार हैं। ब्रोकरेज हाउस ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे शेयर में निवेश से पहले बाजार की धारणा, ट्रेडिंग वॉल्यूम और आरबीआई की कार्रवाई पर कड़ी नजर रखें।