पी-नोट्स के जरिए निवेश अप्रैल में चार महीने के उच्चस्तर 95,911 करोड़ रुपए पर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2023 05:22 PM

investment through p notes at a four month high of rs 95 911 crore in april

पिछले दो महीनों में भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश में तेजी देखी गई है। अप्रैल अंत में यह आंकड़ा बढ़कर 95,911 करोड़ रुपए हो गया। यह नवंबर, 2022 के बाद का उच्चस्तर है। उस समय पी-नोट्स के जरिए निवेश 96,292 करोड़...

नई दिल्लीः पिछले दो महीनों में भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश में तेजी देखी गई है। अप्रैल अंत में यह आंकड़ा बढ़कर 95,911 करोड़ रुपए हो गया। यह नवंबर, 2022 के बाद का उच्चस्तर है। उस समय पी-नोट्स के जरिए निवेश 96,292 करोड़ रुपए था। विशेषज्ञों ने कहा कि यह निवेश मुख्य रूप से देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि से प्रेरित है। 

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं, जो खुद सीधे पंजीकृत हुए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें एक निश्चित प्रक्रिया से गुजरना होता है। सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिए किए गए निवेश का मूल्य (इक्विटी, बॉन्ड और मिश्रित प्रतिभूतियां) मार्च के अंत में 88,600 करोड़ रुपए था और यह आंकड़ा अप्रैल के अंत में बढ़कर 95,911 करोड़ रुपए हो गया। 

इससे पहले पी-नोट्स के जरिए निवेश फरवरी के अंत में 88,398 करोड़ रुपए और जनवरी के अंत में 91,469 करोड़ रुपए था। सैसनलाइन के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रेय जैन ने कहा कि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के चलते पी-नोट्स के जरिए निवेश में वृद्धि हुई है। इस वजह से भारत एफपीआई निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है। 

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