Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Oct, 2025 12:25 PM

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के निष्क्रिय खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सितंबर 2025 तक निष्क्रिय जन धन खातों का प्रतिशत 26% तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी समय यह 21% था।
बिजनेस डेस्कः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के निष्क्रिय खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सितंबर 2025 तक निष्क्रिय जन धन खातों का प्रतिशत 26% तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी समय यह 21% था।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अनुसार, सितंबर 2025 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जन धन खातों की कुल संख्या 54.55 करोड़ थी, जिनमें से 14.28 करोड़ खाते निष्क्रिय थे। वित्त वर्ष 2026 में PSB का लक्ष्य 2 करोड़ नए जन धन खाते खोलना है, जिनमें से 1.32 करोड़ खाते सितंबर तक खोल दिए गए थे।
बड़े बैंकों में सबसे अधिक निष्क्रिय खाते बैंक ऑफ इंडिया (33%) और यूनियन बैंक (32%) में दर्ज किए गए। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक (8%) और पंजाब एंड सिंध बैंक (9%) में सबसे कम निष्क्रिय खाते थे। भारतीय स्टेट बैंक में निष्क्रिय खातों का प्रतिशत बढ़कर 25% हो गया, जबकि पिछले साल यह 19% था।
भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के अनुसार, दो वर्ष से अधिक समय तक लेन-देन न होने पर बचत खाते को निष्क्रिय/डोरमेंट माना जाता है। पहले ही इस साल अप्रैल में PSB ने 15 लाख निष्क्रिय शून्य बैलेंस वाले जन धन खाते बंद किए थे, ताकि डुप्लीकेट और गैर सक्रिय खातों को हटाया जा सके।