Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jun, 2025 11:35 AM

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर से अब तक 5 लाख से अधिक लोग इस सेक्टर से अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या 10 लाख तक पहुंच सकती है।
बिजनेस डेस्कः एक समय देश की सूचना और मनोरंजन का प्रमुख जरिया रही केबल टीवी इंडस्ट्री अब गंभीर संकट से गुजर रही है। इंटरनेट और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता ने इस सेक्टर की रीढ़ तोड़ दी है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 5 लाख से अधिक लोग इस सेक्टर से अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या 10 लाख तक पहुंच सकती है।
संजीव शंकर ने जताई चिंता
कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी संजीव शंकर ने कहा कि केबल सेक्टर से जुड़ी जो हालिया रिपोर्ट पेश की गई है, वह बेहद अहम है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि केबल नेटवर्क किन-किन चुनौतियों से जूझ रहा है और उसे दोबारा स्थिर करने के लिए क्या कदम जरूरी हैं।
OTT बन गया है नया विकल्प
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब उपभोक्ताओं के पास अब Netflix, Amazon Prime, JioCinema जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स की सुविधा है, तो फिर वे पारंपरिक केबल टीवी पर क्यों निर्भर रहेंगे? यही वजह है कि केबल की मांग लगातार गिर रही है।
सब्सक्रिप्शन में भारी गिरावट
2018 से 2024 तक, इस इंडस्ट्री में 31% कर्मचारियों ने अपनी नौकरी गंवाई है। वहीं 2024 में जहां केबल टीवी के 111 मिलियन सब्सक्राइबर्स थे, वहीं 2030 तक यह संख्या घटकर सिर्फ 71 से 81 मिलियन के बीच रह जाने का अनुमान है।
20,000 करोड़ का नुकसान और पायरेसी का खतरा
इंटरनेट पायरेसी ने भी इस इंडस्ट्री को गहरा नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट के अनुसार, 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान अब तक पायरेसी के चलते हो चुका है। दूसरी ओर, भारत में इंटरनेट सब्सक्राइशन की संख्या 1 बिलियन पार कर चुकी है, जिसमें से 945 मिलियन यूजर्स ब्रॉडबैंड से जुड़े हैं।
डिजिटलाइजेशन से और बढ़ेगा संकट
तेजी से बढ़ती डिजिटल सुविधाएं और ऑन-डिमांड कंटेंट की मांग ने पारंपरिक केबल मॉडल को अप्रासंगिक बना दिया है। यदि हालात नहीं सुधरे, तो इस क्षेत्र में कार्यरत लाखों लोगों की आजीविका पर संकट और गहरा सकता है।