Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2025 02:01 PM

आज के समय में लगभग हर किसी का बैंक अकाउंट होता है। सैलरी, सरकारी सब्सिडी, स्कॉलरशिप से लेकर निवेश और लोन तक, हर लेन-देन अब बैंक खाते से जुड़ा हुआ है लेकिन अक्सर लोग एक छोटी-सी लापरवाही कर देते हैं, जिसकी वजह से उनके परिवार को भविष्य में भारी मुश्कि
बिजनेस डेस्कः आज के समय में लगभग हर किसी का बैंक अकाउंट होता है। सैलरी, सरकारी सब्सिडी, स्कॉलरशिप से लेकर निवेश और लोन तक, हर लेन-देन अब बैंक खाते से जुड़ा हुआ है लेकिन अक्सर लोग एक छोटी-सी लापरवाही कर देते हैं, जिसकी वजह से उनके परिवार को भविष्य में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह गलती है बैंक खाते में नॉमिनी न जोड़ना। अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है और नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं है, तो परिवार को कानूनी प्रक्रियाओं और लंबी अदालतबाजी से गुजरना पड़ सकता है।
नॉमिनी क्या होता है?
नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जिसे अकाउंट होल्डर अपने खाते का उत्तराधिकारी घोषित करता है यानी अगर खाताधारक के साथ कोई अनहोनी हो जाए, तो बैंक सीधे उस नॉमिनी को पैसा ट्रांसफर कर देता है। इसके लिए सिर्फ मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान पत्र जैसे कुछ दस्तावेज ही जरूरी होते हैं।
नॉमिनी न होने पर क्या होता है?
अगर अकाउंट में नॉमिनी नहीं है, तो बैंक पैसा सीधे किसी को नहीं देता। तब रकम पाने के लिए परिवार को यह साबित करना पड़ता है कि वे कानूनी उत्तराधिकारी हैं। इसके लिए कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate) जैसे कागज़ हासिल करने पड़ते हैं। यह प्रक्रिया लंबी, महंगी और तनाव देने वाली होती है।
कानून के हिसाब से...
- विवाहित व्यक्ति की मृत्यु पर सबसे पहले पत्नी हकदार होती है।
- अगर नाबालिग बच्चे हैं, तो भी रकम पत्नी को ही मिलेगी।
- अविवाहित व्यक्ति के मामले में माता-पिता उत्तराधिकारी माने जाते हैं।
- लेकिन इन दावों को साबित करने में समय और पैसा दोनों खर्च होते हैं।
सही कदम अभी उठाएं
खाता खोलते समय या बाद में भी, कोई भी ग्राहक अपने जीवनसाथी, बच्चों, माता-पिता, भाई या बहन को नॉमिनी बना सकता है। यह आपके परिवार के लिए एक सुरक्षा कवच है, जिससे वे भविष्य में किसी परेशानी से बच पाएंगे।