Vaikuntha Chaturdashi: एक पूजा से मिलेगा दो देवों का वरदान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Nov, 2023 07:19 AM

bakunth chaturdasi

25 नवंबर, शनिवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है, जिसे वैकुण्ठ चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी पर संसार के पालनहार भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के घर विश्राम करने चले जाते हैं।

 
Vaikuntha Chaturdashi 2023: 25 नवंबर, शनिवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है, जिसे वैकुण्ठ चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी पर संसार के पालनहार भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के घर विश्राम करने चले जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधिनी एकादशी तक पाताल लोक में बलि के महल में निवास करते हैं। इन चार महीनों (चातुर्मास) में भगवान शिव की शक्तियां बढ़ जाती हैं क्योंकि श्री हरि सृष्टि का संचालन उन्हें सौंप देते हैं।
 
PunjabKesari Vaikuntha Chaturdashi
Vaikunth Chaudas: धार्मिक कार्यों का आधार भगवान विष्णु ही हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने से श्री हरि का आशीर्वाद स्वयं ही प्राप्त हो जाता है। एक पूजा से प्राप्त होता है दो देवों का वरदान। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जाग गए हैं। अब भगवान शिव सृष्टि का भार पुन: भगवान विष्णु को सौंप देंगे। धरतीवासियों के लिए इस दिन पूजन व व्रत करने का विधान है।
 
PunjabKesari Vaikuntha Chaturdashi
Vaikuntha Chaturdashi vrat vidhi व्रत करने के नियम
दैनिक कार्यों से निवृत होकर सारा दिन व्रत करें।
रात को भगवान विष्णु का कमल के फूलों से पूजन करें।
 
PunjabKesari Vaikuntha Chaturdashi
भगवान शिव की पूजा के संदर्भ में कहा गया है- विना यो हरिपूजां तु कुर्याद् रुद्रस्य चार्चनम्।  वृथा तस्य भवेत्पूजा सत्यमेतद्वचो मम।।
 
PunjabKesari Vaikuntha Chaturdashi
रात को जागरण करके कार्तिक पूर्णिमा (8 नवंबर) की प्रभात को रूद्राभिषेक करके ब्राह्मणों को भोजन और क्षमता के अनुसार दक्षिणा दें, फिर परिवार सहित भोजन खाएं।
 
PunjabKesari Vaikuntha Chaturdashi
 

 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!