Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Apr, 2025 07:59 AM

Masik Karthigai: 29 अप्रैल को मासिक कार्तिगाई पर्व है। जो हर महीने तमिल हिंदूओं के द्वारा मनाया जाता है। इस दिन शाम के वक्त तेल के दीपक जलाने का विधान है। जब कृतिका नक्षत्र प्रबल अवस्था में आता है, उस दिन इस पर्व को मनाया जाता है। वैसे तो हर सनातन...
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Masik Karthigai: 29 अप्रैल को मासिक कार्तिगाई पर्व है। जो हर महीने तमिल हिंदूओं के द्वारा मनाया जाता है। इस दिन शाम के वक्त तेल के दीपक जलाने का विधान है। जब कृतिका नक्षत्र प्रबल अवस्था में आता है, उस दिन इस पर्व को मनाया जाता है। वैसे तो हर सनातन धर्मी के घर में सुबह-शाम दीपक जलाया जाता है। बड़े-बुजुर्गों का कहना है की जिस घर में दिए जलाए जाते हैं, वहां कभी अंधकार नहीं होता और सुख-समृद्धि अपना बसेरा बना लेती हैं। उस घर के सदस्य जंजाल से उजाले की किरण की ओर सदा बढ़ते रहते हैं। शुभ शक्तियों को जलता दीया चुंबक की भांति अपनी तरफ खींचता है।

पुरातन समय में तो केवल मिट्टी के पात्र में दिए जलाए जाते थे लेकिन अब विभिन्न धातुओं से निर्मित पात्रों में भी दिए जलाए जाते हैं। दीपक जलाने के न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक लाभ भी हैं। जब घर में शुद्ध घी अथवा सरसों के तेल से ज्योत जलाई जाती है, उस धुएं से घर के माहौल में सात्विकता आती है। आस-पास मौजुद हानिकारक कणों का भी नाश होता है।

तेल से जले दीपक का प्रभाव उसके बढ़ने (बुझने) के आधे घंटे बाद तक वातावरण में बना रहता है। घी का दीपक बढ़ने (बुझने) के लगभग चार घंटे तक अपने चारों ओर का वातावरण सकारात्मकता से युक्त रखता है। दीपक की लौ को पूर्व दिशा में रखें, इससे व्यक्ति दीर्घजीवन जीता है। उत्तर दिशा में दीपक की लौ रखने से धन और प्रसन्नता बढ़ती है।

शुभ कार्य करते वक्त जब दीपक प्रज्जवलित करें तो इस मंत्र का जाप करें-
दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते…
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति…