Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Jun, 2025 07:22 AM

Devshayani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है और उसमें भी देवशयनी एकादशी को बेहद शुभ और पुण्यकारी माना गया है। यह एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और 2025 में यह तिथि विशेष रूप से 6 जुलाई को मनाई...
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Devshayani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है और उसमें भी देवशयनी एकादशी को बेहद शुभ और पुण्यकारी माना गया है। यह एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और 2025 में यह तिथि विशेष रूप से 6 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चार महीने बाद प्रबोधिनी एकादशी को जागते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है। देवशयनी एकादशी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति, स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक समृद्धि के लिए भी एक उत्तम दिन माना जाता है। यदि इस दिन विशेष नियमों और उपायों का पालन किया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और धन-वैभव की प्राप्ति हो सकती है।
देवशयनी एकादशी के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा के दौरान चांदी के सिक्के का उपयोग करें। इसके उपरांत अगले दिन इस सिक्के -सुथरे पीले रंग के कपड़े में बांध दें। ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा आपके और आपके परिवार के ऊपर बनी रहती है।
धन-धान्य से जुड़ी समस्या से मुक्ति पाने के लिए एकादशी के दिन गन्ने का रस तुलसी को अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन में धन आगमन के रास्ते खुलने लगते हैं।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए देवशयनी एकादशी के दिन श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें और साथ में केले के पेड़ की पूजा भी करें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत का विशेष महत्व होता है। पंचामृत पांच पवित्र चीजों दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से मिलकर तैयार किया जाता है। इसे श्रद्धा से भगवान को अर्पित करने से न केवल आध्यात्मिक शुद्धि मिलती है, बल्कि घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। यह पूजा का एक पावन और शुभ माध्यम माना जाता है जो भक्त और भगवान के बीच एक दिव्य संबंध बनाता है।
देवशयनी एकादशी के शुभ दिन शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु के चरणों में अर्पण करना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में रोग व ऋण जैसी परेशानियों से राहत दिलाने में सहायक होता है। यह भक्त के मन, शरीर और आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
