लड्डू गोपाल की छाती पर होता है पैर का निशान, पढ़ें कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Feb, 2022 11:27 AM

footprint on the chest of laddu gopal

महार्षि भृगु जी द्वारा रचित ग्रंथ भृगु संहिता जो कि ताम्र पत्रों पर लिखित सुल्तानपुर लोधी में स्थित है।

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Story behind footprint on the chest of laddu gopal: महार्षि भृगु जी द्वारा रचित ग्रंथ भृगु संहिता जो कि ताम्र पत्रों पर लिखित सुल्तानपुर लोधी में स्थित है। इस ग्रंथ को पढ़ने वाले महायश वाचक श्री मुकेश पाठक जी बताते हैं, लड्डू गोपाल या भगवान विष्णु जी के जितने भी अवतार हैं, उन सभी की छाती पर  पांव का निशान है। ये चरण चिन्ह है महार्षि भृगु जी का, जिन्हें विष्णु जी ने अपना गुरू धारण किया हुआ था। आइए जानें, पौराणिक कथा

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यज्ञ का भाग त्रिदेवों में से किसे प्राप्त होगा ? त्रिदेवों में से कौन श्रेष्ठ है, इसकी परीक्षा के चलते ब्रह्मा जी से वे निराश हुए। फिर भगवान शंकर के गणों के दुर्व्यवहार के कारण महर्षि के पास अंतिम ऑप्शन श्री हरि विष्णु जी के पास बैकुंठ धाम पहुंचे। वहां पर उन्होंने देखा कि विष्णु जी क्षीर सागर में शेषनाग की शय्या पर सोये हुए हैं और लक्ष्मी जी उनके पांव दबा रही हैं। मन ही मन विचार आया कि ब्रह्मा जी सृष्टि रचने में व्यस्त, शिव जी समाधी में व्यस्त और विष्णु जी निंद्रा में तब मन में क्रोध उत्पन्न हो गया और कहने लगे कि इतनी बड़ी सृष्टि का निर्माण करके आप सोये हुए हो। उस क्रोध के कारण महार्षि भृगु जी ने अपना दाहिना पैर विष्णु जी की छाती पर हृदय स्थान पर मारा।

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इस पर विष्णु जी योग निद्रा से जागे और भृगु जी के पांव पकड़ लिये और पांव को सहलाने लगे और पूछा, "हे प्रभु! "मेरी छाती वज्र के समान कठोर है, कहीं आपके कोमल पांव को पीड़ा तो नहीं हुई।"

श्री हरि की विनम्रता को देखकर उनका क्रोध तुरंत ही शांत हो गया और उन्होंने त्रिदेवों में श्री हरि के विनम्र स्वभाव और व्यवहार को देखते हुए यह घोषणा कर दी कि श्रीहरि विष्णु ही त्रिदेवों में सर्वश्रेष्ठ हैं और यज्ञ का भाग इन्हीं को प्राप्त होगा। 

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जब भृगु जी ने विष्णु जी की छाती पर लात लगायी तो विष्णु जी ने उन्हें उसी समय गुरू धारण कर लिया। यह भी कहा कि, हे महर्षि ! भृगु जी आपका यह पांव का चिन्ह सदा मेरे छाती पर रहेगा। इसी कारण चाहे वह लड्डू गोपाल जी हो, तिरुपति वेंकटेशवर बाला जी हों या श्री जगन्नाथ पुरी के जगन्नाथ जी या फिर विष्णु जी का कोई भी अवतार ही क्यों न हो। श्री हरि विष्णु ने अगर किसी को गुरु धारण किया है तो वह एकमात्र हैं महर्षि भृगु जी महाराज। 

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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