Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Feb, 2024 07:58 AM
शिष्य भिक्षुओं की शिक्षा पूरी हो चुकी थी। भगवान महात्मा बुद्ध ने एक दिन उन्हें एकत्रित किया और एक-एक कर उनसे पूछने लगे कि संघ के सिद्धांतों के प्रचार के लिए कौन किस
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Gautam Buddha Story: शिष्य भिक्षुओं की शिक्षा पूरी हो चुकी थी। भगवान महात्मा बुद्ध ने एक दिन उन्हें एकत्रित किया और एक-एक कर उनसे पूछने लगे कि संघ के सिद्धांतों के प्रचार के लिए कौन किस तरफ जाना चाहता है। जो शिष्य जिस क्षेत्र का नाम लेता, उसे वहीं भेजा जा रहा था। इनमें महात्मा बुद्ध का प्रिय शिष्य आनंद भी था।
जब आनंद की बारी आई तो उसने सनापरांत नामक गांव चुना। ऐसा मशहूर था कि वहां के निवासी बड़े दुष्ट हैं। वहां साधु-संत कभी नहीं जाते थे। जो कभी गए भी, वे अपने पैर नहीं जमा सके।
जब आनंद ने वहां जाने की इच्छा व्यक्त की तो सभी ने आश्चर्य से पूछा- ऐसी विपरीत परिस्थितियों वाले स्थान को अपना कार्यक्षेत्र क्यों चुनते हो ?
आनंद ने उत्तर दिया-चिकित्सक को वहां जाना चाहिए, जहां महामारी फैली हो और धर्म का उपदेश वहां सुनाना चाहिए, जहां लोगों को उसकी जरूरत हो।
अपनी सुविधा की बात सोचने पर चिकित्सक और साधु दोनों की हेय बनते हैं। दोनों की परीक्षा कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों में होती है। कठिन परिस्थिति में संघर्ष करने पर आत्मबल विकसित होता है।