Edited By Sarita Thapa,Updated: 17 Oct, 2025 09:59 AM

अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने एक बार कुछ मेहमानों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया। भोजन के बाद उन्हें सैनिक कमांडरों की एक आवश्यक बैठक में भाग लेना था।
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Inspirational Context: अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने एक बार कुछ मेहमानों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया। भोजन के बाद उन्हें सैनिक कमांडरों की एक आवश्यक बैठक में भाग लेना था। उनका नौकर जानता था कि जाॅर्ज साहब समय की पाबंदी को कितनी दृढ़ता से निभाते हैं। इसलिए ठीक समय पर उन्हें सूचना दी गई कि भोजन लग चुका है, पर अभी तक मेहमान नहीं आए हैं। वह भोजन कक्ष में आए और कहा, “बाकी प्लेटें उठा लो, हम अकेले ही भोजन करेंगे।”

उन्होंने मेहमानों के आने की प्रतीक्षा किए बगैर भोजन करना शुरू कर दिया। जब वे आधा भोजन कर चुके तब मेहमान पहुंचे। मेहमानों की प्लेटें लगाई गईं पर वाशिंगटन ने अपना भोजन समाप्त किया और निश्चित समय पर विदा लेकर उस बैठक में शामिल होने चले गए। सैनिक कमांडरों की बैठक में पहुंचने पर पता चला कि अमरीका के एक भाग में भयंकर विद्रोह हो गया है। उनके समय पर पहुंच जाने के कारण तत्काल आवश्यक आदेश जारी किए गए और सभी पहलुओं पर विचार करते हुए हालात संभालने के उपाय किए गए। इस तरह एक बहुत बड़ी जन-धन की हानि होने से बचना संभव हो सका। इस बात का पता कुछ समय बाद उन मेहमानों को चला तो उन्हें बड़ा दुख हुआ।

उन्होंने अनुभव किया कि प्रत्येक काम को निश्चित समय पर करने से भयंकर हानियों को रोका जा सकता है और जीवन को सुचारू ढंग से जिया जा सकता है। यही सोच लेकर वे फिर से राष्ट्रपति के घर गए और उनसे उस दिन हुई भूल के लिए क्षमा मांगी। राष्ट्रपति ने कहा, “इसमें क्षमा जैसी कोई बात नहीं है, पर जिन्हें जीवन की व्यवस्था, परिवार, समाज और देश की उन्नति का ध्यान हो, उन्हें समय का कड़ाई से पालन करना चाहिए।”
