ओमान के सुल्तान ने राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के लिए तोड़ा अपना प्रोटोकॉल, वजह जान करेंगे आप भी उन्हें सलाम

Edited By Updated: 10 Apr, 2023 08:52 AM

inspirational story

भारत के नौवें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को एक ऐसे राष्ट्रपति के तौर पर जाना जाता है, जो काफी संवेदनशील

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Story: भारत के नौवें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को एक ऐसे राष्ट्रपति के तौर पर जाना जाता है, जो काफी संवेदनशील थे। वह अपने काम के लिए हमेशा समर्पित रहते और नियमों को मानने वाले व्यक्ति के तौर पर मशहूर रहे। वह साल 1992 से 1997 तक भारत के राष्ट्रपति रहे थे। इसी तरह ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद को एक ऐसे शासक के तौर पर जाना जाता है, जिन्होंने कभी किसी के लिए प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा। सिर्फ एक व्यक्ति के लिए पहली बार उन्होंने अपना प्रोटोकॉल तोड़ा, जो कोई और नहीं बल्कि राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ही थे।

PunjabKesari shankar dayal

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

शंकर दयाल शर्मा जी आधिकारिक यात्रा के सिलसिले में मस्कट दौरे पर गए। जब ‘एयर इंडिया’ का विमान वहां उतरा तो तीन दिलचस्प घटनाएं हुईं। एक तो ओमान के सुल्तान कभी किसी देश के गण्यमान्य व्यक्तियों का स्वागत करने हवाई अड्डे पर नहीं जाते थे, लेकिन ओमान के सुल्तान विशेष रूप से श्री शंकर दयाल शर्मा का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
दूसरा, जब फ्लाइट उतरी तो राष्ट्रपति जी के जहाज की सीढ़ियों से नीचे उतरने की उन्होंने प्रतीक्षा नहीं की बल्कि ओमान के सुल्तान उन्हें रिसीव करने उनकी सीट तक गए। यह भी पहली बार हुआ।

PunjabKesari shankar dayal

तीसरा, उन्हें साथ लेकर जहाज से नीचे उतरने के बाद अपने ड्राइवर को उन्होंने दूसरी कार में आने को कहा और सुल्तान ने स्वयं उस कार को ड्राइव किया जिसमें श्री शंकर दयाल शर्मा बैठे थे। बाद में संवाददाताओं ने सुल्तान से सवाल किया कि उन्होंने इतने सारे प्रोटोकॉल क्यों तोड़े।

सुल्तान ने जवाब दिया, ‘‘मैं शंकर दयाल शर्मा को हवाई अड्डे पर रिसीव करने इसलिए नहीं गया कि वह भारत के राष्ट्रपति थे।’’

‘‘मैंने भारत में अध्ययन किया और बहुत कुछ सीखा। जब मैं पुणे में पढ़ रहा था तब श्री शर्मा मेरे प्रोफैसर थे और यही कारण है कि मैंने यह किया।’’

PunjabKesari shankar dayal

शिक्षक होने में बहुत बड़ी शक्ति होती है। शिक्षक होना इसलिए अपने आप में गौरवपूर्ण माना जाता है।
‘राम-कृष्ण ते को बड़ों,
तिनहूं भी गुरु कीन।
तीन लोक के नायका,
गुरु आगे आधीन॥’

PunjabKesari kundli
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!