Jupiter Transit 2023: 22 अप्रैल को गुरु करेंगे गोचर, मीन राशि को मिलेंगे ये शुभ फल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Mar, 2023 08:34 AM

2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि 30 मार्च के आसपास गुरु अस्त हो जाएंगे और 30 अप्रैल को दोबारा उदय...

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Jupiter Transit 2023 गुरु का राशि परिवर्तन: 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि 30 मार्च के आसपास गुरु अस्त हो जाएंगे और 30 अप्रैल को दोबारा उदय होंगे। 30 अप्रैल को उदय होने के बाद गुरु 4 सितंबर को वक्री हो जाएंगे और 31 दिसंबर को पुन: मार्गी होंगे। कुंडली में 12 में से 9 घरों के ऊपर गुरु का प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले गुरु दूसरे,पांचवें, नौवें और ग्यारहवें घर के कारक ग्रह हैं। दूसरा घर धन स्थान होता है। पांचवें घर से संतान देखी जाती है। नौवां भाग्य स्थान होता है और ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। गुरु इन चारों भावों के कारक होते हैं। कुंडली में मीन और धनु राशि गुरु की होती है और गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। इस वजह से गुरु का गोचर बहुत ही मायने रखता है।

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मीन राशि:
फिलहाल गुरु का गोचर लग्न में हो रहा है। ये शुभ नहीं है लेकिन जैसे ही गुरु दूसरे भाव में गोचर करना शुरू करेंगे, ये शुभ गोचर में आ जाएंगे। गुरु आपकी कुंडली में दो राशि के स्वामी बनते हैं। एक है मीन राशि और दूसरी है धनु राशि। यदि आपकी कुंडली में गुरु दशा या अंतर्दशा चल रही है तो आपको निश्चित तौर पर बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। जब धन स्थान से गुरु गोचर करते हैं तो सबसे पहले पांचवीं दृष्टि को देखते हैं छठे भाव से। छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु का भाव है। इसमें शुभ फल देखने को मिलेंगे। यदि कोई बीमारी से जूझ रहे हैं तो उसमें राहत मिलने की संभावना है। पुराने समय से चल रहा मुकदमा उसमें भी राहत मिलने की संभावना है। कर्ज से भी राहत मिलेगी।

गुरु की सातवीं दृष्टि पड़ेगी अष्टम स्थान के ऊपर। अष्टम स्थान अचानक लाभ और नुकसान का भाव है। यदि ससुराल पक्ष के संबंधों के साथ कोई गड़बड़ चल रही है तो वहां पर भी राहत के आसार हैं। गुरु जब दूसरे भाव में बैठते हैं तो नौवीं दृष्टि से कर्म के स्थान को देखते हैं। मान-सम्मान मिलने की सम्भावना है। लग्न का स्वामी जब शुभ गोचर आएगा तो निश्चित तौर पर शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे।

नरेश कुमार
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