Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी, 14 मई से वृश्चिक राशि वालों को रहना होगा सावधान

Edited By Updated: 09 May, 2025 12:04 PM

बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे,  इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट

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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे,  इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है लेकिन इस बार जो गुरु की स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड से गोचर करेंगे। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु 15 मई को गोचर करेंगे, 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे और कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। मई में 14, 15 के आसपास ही दोबारा राशि बदलेंगे। ये एक साल का समय है लेकिन इस बार गुरु अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी मतलब शीघ्र गति है, शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। मिथुन में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक।

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर शुभ नहीं है क्योंकि यहां पर गुरु गोचर करेंगे अष्टम भाव से। अष्टम में जाना गुरु का अच्छा नहीं है। वृश्चिक राशि मंगल की राशि है। यहां पर गुरु धन भाव के भी स्वामी हो जाते हैं, पंचम के भी स्वामी हो जाते हैं। तो पंचम के स्वामी का अष्टम में जाना संतान से संबंधित दिक्कत पैदा कर सकता है क्योंकि यह अष्टम में चला गया न धन भाव को तो गुरु प्रोटेक्ट कर लेंगे सीधी दृष्टि से यहां पर बैठकर लेकिन पंचम को वह प्रोटेक्ट नहीं कर पाएंगे। लिहाजा संतान से संबंधित कोई न कोई दिक्कत आ सकती है। हालांकि गुरु 12वें से संबंधित फल देंगे। यदि आपका काम विदेश से जुड़ा हुआ है तो विदेश से संबंधित चीजें आपके लिए अच्छी हो सकती हैं। आपको हो सकता है कि फॉरेन से कोई इनकम का रास्ता खुल जाए। हो सकता है कि यदि आपने कोई फाइल अप्लाई की हुई है, वहां पर आपको सफलता मिल जाए। हो सकता है कि आपने यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग की है तो यहां पर गुरु की दृष्टि पड़ेगी फोर्थ हाउस के ऊपर। हो सकता है कि वह प्रॉपर्टी आपकी बन जाए लेकिन संतान पक्ष से हो सकता है कि आपको थोड़ी बहुत परेशानी हो जाए। यहां पर गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। गुरु अपनी उस राशि का फल अच्छा नहीं कर पाएंगे, रिसर्च से जुड़े जो स्टूडेंट्स हैं उनको परेशानी हो सकती है। गाड़ी धीमी चलाइएगा क्योंकि यह अष्टम दुर्घटना का भी भाव है। यह सीक्रेसी का भी भाव है, सीक्रेसी आपकी यहां पर कॉम्प्रोमाइज हो सकती है। यह गोचर बहुत अच्छे वाला गोचर नहीं है इसलिए थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ेगा। यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है। 

इस दौरान आपको गुरु के उपाय करने चाहिए- 

गुरु ज्ञान के कारक हैं। किसी बच्चे की हेल्प कर दीजिए किसी भी तरह की स्टडी में। 

गुरु को मजबूत करने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें। 

गुरु का सबसे बेहतर उपाय है फल का पेड़ लगाना। 

पेड़ होता बुध से आता है और गुरु फलदार पेड़ों के कारक है। यदि आप एक पौधा लगाते हैं। खासतौर पर जो धनु राशि के हैं या जो मीन राशि के हैं एक पौधा लगाते हैं और वह फलदार पौधा है। तो वह फलदार पौधा आपको फल तो देगा ही देगा, गुरु आपको अलग से फल देंगे। 

आप मंदिर में कोई पीली चीज का दान कर सकते हैं। आप पीली दाल या पीले प्रसाद का भी दान कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि थोड़ा सा ज्यादा डिस्टर्ब कर रहे हैं ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहनें। 

गुरु को सही करने के लिए पुखराज पहनें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गुरु आठवें बारहवें भाव में न हो। 

यदि गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं।

नरेश कुमार
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