मुख्य द्वार के पास रखें यह सामान बुरी शक्तियां जाएंगी भाग

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Feb, 2023 09:57 AM

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वास्तु विज्ञान के अनुसार घर के मुख्य द्वार को खुशियों का द्वार भी कहा जाता है। जिन भौतिक वस्तुओं का घर में आगमन होता  हैं, उनका प्रवेश सबसे पहले मुख्यद्वार से ही होता है। यह ही वो स्थान होता है, जिससे

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Vastu Tips for Home Entrance: वास्तु विज्ञान के अनुसार घर के मुख्य द्वार को खुशियों का द्वार भी कहा जाता है। जिन भौतिक वस्तुओं का घर में आगमन होता  हैं, उनका प्रवेश सबसे पहले मुख्यद्वार से ही होता है। यह ही वो स्थान होता है, जिससे कि घर में निवास करने वाले व्यक्तियों के भाग्य का निर्धारण होता है। अगर घर के मुख्य द्वार पर नकारात्मक ऊर्जा प्रोड्यूस हो रही है तो वहां रहने वालों को खुशियों की प्राप्ति में बाधाएं आती हैं। इसी कारण से घर के मुख्य द्वार को पॉजीटिव बनाये रखने के लिये बहुत से वास्तु विज्ञान में उपायों का वर्णन किया गया है। यह क्रिया अलग-अलग डायरेक्शन के घरों में अलग-अलग प्रकार की होती है।

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पूर्व दिशा के घरों के मुख्य द्वार पर कलश या उनके चित्रों को लगाना चाहिए क्योंकि यह सम्पन्नता एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और चंद्र ग्रह एवं शुक्र ग्रह का भी। यह दोनों ग्रह धन, सम्पति एवं समृद्धि प्रदान करने वाले माने जाते हैं। कलश की स्थापना पूजा स्थान पर और घर के मुख्य द्वार इन दोनों स्थानों पर की जा सकती है। मेन गेट पर रखे जाने वाले कलश का मुख खुला अर्थात चौड़ा होना चाहिए। कलश में जल भरकर रखने से घर में समृद्धि आती है और मानसिक तनाव भी कम होने में सहायता मिलती है तथा नकारात्मकता भी कम होती है।

उत्तर दिशा के घरों के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक के चिन्ह को लगाना चाहिए। यह सप्तऋषियों की प्रतीकात्मक संरचना होती है जो कि ज्ञान, धन, धान्य, खाद्य पदार्थ, भौतिक सुख, धर्म, मानवता, परोपकार का प्रतीक मानी जाती है। जहां पर भी इस संरचना का वैज्ञानिक तरह से प्रयोग किया जाता है, वहां वह यह सभी वस्तुओं का आगमन स्वयं ही होने लगता है। इसे सही तरह से एवं सही दिशा व सही स्थान पर ही लगाना चाहिए। लाल एवं सिदूरी रंग का स्वास्तिक विशेष प्रभावशाली रहता है।
पश्चिम दिशा के घरों में घोड़े की नाल वाला प्रयोग के रूप में करना चाहिए। पश्चिम दिशा शनि महाराज की दिशा होती है और काले घोड़े की नाल भी शनि की ही प्रतीक होती है। जिन घरों पर शनि की साढ़साती या ढैया का प्रभाव चल रहा हो उन्हें यह काले घोड़े की नाल अवश्य लगानी चाहिए। यह ध्यान रहे कि नाल असली काले घोड़े की हो और स्वयं ही घिंसकर उतरी हुई हो। इसी ही प्रकार की नाल पूर्ण फलदायी होती है।

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दक्षिण दिशा के घरों के मुख्य द्वार के बाहर श्री हनुमान जी का प्रतीकात्मक चिन्ह लगाना चाहिए। रक्त रंग की घ्वजा जिसमें हनुमान जी या श्री गणेश जी का स्वरूप या स्वास्तिक का चिन्ह अंकित हो ऐसी घ्वजा ज्येष्ठ मंगलवार के दिन लगाने से शत्रुओं से रक्षा होती है। वह शत्रु चाहे आपके शरीरिक हो या मानसिक चाहे वह शत्रु बिमारी के रूप में ही क्यों न हों। जिनके साथ शत्रुओं की समस्या चल रही है, उन्हें यह प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

इसी के साथ अलग-अलग जातकों के ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही वास्तु रेमेडीज का जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता क्योंकि वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।

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Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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