तीर्थंकर भगवान आदिनाथ विश्व की सभी धर्म-परम्परा के प्रथम जनक व प्रवर्तक थे: साध्वी डॉ. अर्चना

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Mar, 2023 08:34 AM

kurukshetra

एस.एस. जैन सभा (रजि.) थानेसर एवं एस.एस. जैन सभा (रजि.) एकता विहार कुरुक्षेत्र के तत्वावधान में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जी

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

 कुरुक्षेत्र (धमीजा): एस.एस. जैन सभा (रजि.) थानेसर एवं एस.एस. जैन सभा (रजि.) एकता विहार कुरुक्षेत्र के तत्वावधान में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जी का जन्म एवं दीक्षा कल्याणक श्रद्धा-भक्ति के क्षणों में मनाया गया। 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

प्रवचन दिवाकर सुधीर मुनि जी महाराज ने कहा-‘भगवान ऋषभदेव स्वामी जी ने सेवा व दान के माध्यम से तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन किया था। सुर-असुर व इंद्रों द्वारा पूजित भगवान ने जब दीक्षा अंगीकार की तब अंतराय कर्म के उदय से 13 माह 15 दिवस पर्यन्त उन्हें आहार-पानी का लाभ नहीं मिला।  

इस मौके पर साध्वी डा. अर्चना जी महाराज ने कहा- भगवान आदिनाथ विश्व की सभी धर्म-परम्परा के प्रथम जनक व प्रवर्तक माने गए हैं। आदिनाथ के ज्येष्ठ पुत्र भरत के नाम से इस आर्यव्रत का नाम भारतवर्ष सुविख्यात हुआ। भगवान की प्रथम पुत्री ब्राहली के नाम से ब्रह्मलिपि, दूसरी पुत्री सुन्दरी जो गणित की जनक थी, बाहुबली समस्त ज्योतिष की विधाओं के जनक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

PunjabKesari kundli

Trending Topics

Bangladesh

Ireland

Match will be start at 31 Mar,2023 03:00 PM

img title img title

Everyday news at your fingertips

Try the premium service

Subscribe Now!