Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Dec, 2025 10:29 AM
Jaya Kishori : लोकप्रिय आध्यात्मिक वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी अपने भजनों के साथ-साथ जीवन के व्यावहारिक दर्शन पर अपनी बेबाक राय के लिए जानी जाती हैं। अक्सर उनके सत्संग और इंटरव्यू में लोग एक सवाल जरूर पूछते हैं- क्या किसी की बद्दुआ सच में...
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Jaya Kishori : लोकप्रिय आध्यात्मिक वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी अपने भजनों के साथ-साथ जीवन के व्यावहारिक दर्शन पर अपनी बेबाक राय के लिए जानी जाती हैं। अक्सर उनके सत्संग और इंटरव्यू में लोग एक सवाल जरूर पूछते हैं- क्या किसी की बद्दुआ सच में लग सकती है ? इस विषय पर जया किशोरी जी ने बहुत ही तार्किक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण साझा किया है। उनके अनुसार, बद्दुआ कोई जादू-टोना नहीं है, बल्कि यह ऊर्जाऔर कर्मों का खेल है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस पर उनके क्या विचार हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
बद्दुआ क्या है ?
जया किशोरी जी कहती हैं कि बद्दुआ का सीधा अर्थ है किसी के दिल से निकली हुई आह। जब आप किसी व्यक्ति के साथ इतना गलत करते हैं कि वह असहाय हो जाता है और उसके पास ईश्वर को पुकारने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता, तब उसके भीतर से जो नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, उसे ही बद्दुआ कहा जाता है। उनका मानना है कि शब्द केवल ध्वनि नहीं होते, उनमें शक्ति होती है। यदि किसी का दिल दुखा है, तो उसकी पीड़ा एक अदृश्य शक्ति के रूप में ब्रह्मांड में जाती है।
क्या बद्दुआ वाकई काम करती है ?
जया किशोरी जी इस पर एक बहुत गहरी बात कहती हैं- बद्दुआ तब तक असर नहीं करती जब तक आपका अपना कर्म मजबूत है। यदि आपने अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाई है और आपका इरादा बुरा नहीं था, तो बद्दुआ आप पर असर नहीं करेगी। लेकिन यदि आपने जानबूझकर अपनी शक्ति, पैसे या पद के अहंकार में किसी निर्दोष को सताया है, तो उस व्यक्ति की 'आह' आपके जीवन में रुकावटें पैदा कर सकती है।
उनके अनुसार, यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि लॉ ऑफ कर्मा है। जो आप दूसरों को देते हैं, वही लौटकर आपके पास आता है। अगर आपने दर्द दिया है, तो वह किसी न किसी रूप में आपके पास वापस आएगा ही।
किसकी बद्दुआ सबसे ज्यादा प्रभावी होती है ?
जया किशोरी अक्सर अपने प्रवचनों में माता-पिता और बुजुर्गों के महत्व पर जोर देती हैं। उनके अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता को रुलाता है या उन्हें अपमानित करता है, तो उसे दुनिया की कोई पूजा या अनुष्ठान नहीं बचा सकता। माता-पिता के दिल से निकली बद्दुआ व्यक्ति के भाग्य के द्वार बंद कर सकती है।
किसी ऐसे व्यक्ति को सताना जो पलटकर आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकता, सबसे खतरनाक होता है क्योंकि उसकी रक्षा स्वयं ईश्वर करते हैं।
बद्दुआओं के प्रभाव से कैसे बचें ?
अगर आपको लगता है कि आपसे अतीत में कोई गलती हुई है या किसी की बद्दुआ आपको लग रही है, तो जया किशोरी जी ये उपाय बताती हैं:
क्षमा याचना
बद्दुआ का सबसे बड़ा काट माफी है। यदि संभव हो, तो उस व्यक्ति के पास जाएं जिसका आपने दिल दुखाया है और उससे सच्चे मन से क्षमा मांगें। यदि वह व्यक्ति जीवित नहीं है या मिलना संभव नहीं है, तो ईश्वर के सामने अपने कर्मों का प्रायश्चित करें।
अच्छे कर्मों का संचय
एक पुरानी कहावत है कि 'पुण्य' आपकी ढाल बनते हैं। जया किशोरी कहती हैं कि अपने जीवन में इतने अच्छे काम और दान-पुण्य करें कि वे आपकी गलतियों के प्रभाव को कम कर सकें। सेवा और परोपकार नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेते हैं।
ईश्वर की शरण
वे कहती हैं, "जब आप भगवान से जुड़ जाते हैं, तो दुनिया की कोई भी नकारात्मक शक्ति आपका बाल भी बांका नहीं कर सकती।" भगवान का नाम और मंत्र जप आपके चारों ओर एक सुरक्षा कवच (Aura) बना देता है।