कमल के आकार के इस मंदिर में नहीं है कोई भी प्रतिमा फिर भी लग रहा रहता है तांता

Edited By Jyoti,Updated: 25 Aug, 2019 05:53 PM

lotus temple in new delhi

भारत में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जो कि प्राचीन होने के साथ-साथ बहुत आकर्षित भी हैं। अब ज़ाहिर सी बात है कि हम मंदिर के बारे में बात कररहे हैं तो आपके मन में पहली बात यही आई होगी कि यकीनन इन मंदिरों की खासियत इनकी प्रतिमाएं आदि से जुड़ी हुई होंगी मगर...

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भारत में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जो कि प्राचीन होने के साथ-साथ बहुत आकर्षित भी हैं। अब ज़ाहिर सी बात है कि हम मंदिर के बारे में बात कररहे हैं तो आपके मन में पहली बात यही आई होगी कि यकीनन इन मंदिरों की खासियत इनकी प्रतिमाएं आदि से जुड़ी हुई होंगी मगर ऐसा नहीं है। हर मंदिर का इतिहास व प्राचीनता का एक दूसरे से विभिन्न होती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने आए हैं जो है तो मंदिर लेकिन वहां भगवान की कोई मूर्ति व तस्वीर नहीं है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसके बारे में जानकार आप सभी हैरान हों जाएंगे। आईए जानते है इस मंदिर के बारे में-
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कमल मंदिर नामक यह मंदिर नई दिल्ली में स्थित है। हिंदू धर्म में कमल को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। बता दें इस मंदिर का नाम 'कमल' इसके आकार की वजह से दिया गया है या यूं कहें कि नाम के हिसाब से इस मंदिर को आकार दिया गया है। इसकी कमल के फूल जैसी आकृति की वजह से ये लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

मंदिर से जुड़ी जानकारी के अनुसार इसका निर्माण 1986 में पूरा हुआ था। मंदिर में कमल की 27 पंखुड़ियां बनाई गई है जो कि मार्बल से बनी हुई है। प्रवेश द्वार में 9 दरवाजे बनाए गए हैं। मंदिर का दृश्य बेहद सुंदर है जिसकी वजह से इसे आर्किटेक्चरल अवार्ड भी मिले हैं। मंदिर की सबसे बड़ा खासियत है कि यहां किसी भगवान किसी भगवान की मूर्ति नहीं है। यहां हर रोज़ विभिन्न धर्मों के पवित्र लेख पढ़े जाते हैं। मंदिर का वातावरण इतना शांत और साफ-सुथरा है कि कोई भी इंसान यहां बैठकर ध्यान प्रार्थना आदि कर सकता है। मंदिर के चारों तरफ तालाब है जिसे देखने पर ऐसा लगता है कि तालाब में कमल का फूल खिला है। 
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रोज़ाना यहां लगभग 10,000 पर्यटक यहां दर्शन करने आते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मंदिर में पर्यटकों की संख्या रिकोर्ड लिस्ट में है। इस मंदिर में लगभग 2400 लोग एक साथ आ सकते हैं। गर्मियों के दिनों में मंदिर सुबह 9:30 बजे खुलता है और शाम को 6:30 बजे बंद कर दिया जाता है। सर्दियों में 10 बजे से शाम को 5 बजे तक यह मंदिर खुलता है।

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