Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Aug, 2023 07:27 AM
जिस तरह सावन का सोमवार महादेव को प्रिय है, उसी तरह सावन माह का हर मंगलवार मां गौरा को बहुत प्रिय है। इस पवित्र माह
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Mangla Gauri Vrat 2023: जिस तरह सावन का सोमवार महादेव को प्रिय है, उसी तरह सावन माह का हर मंगलवार मां गौरा को बहुत प्रिय है। इस पवित्र माह में खासतौर पर मंगलवार के दिन मां गौरा और भगवान शिव की अराधना करने से वैवाहिक जीवन का तनाव गायब हो जाता है। कुंवारों को मनचाहा साथी प्राप्त होता है। जिनके विवाह में बाधाएं आ रही होती हैं, मां मंगला गौरी की कृपा से सभी बाधाओं का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास में मां गौरी के इस स्तोत्र का पाठ करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और साथ ही अविवाहितों के जीवन में चल रही नकारात्मकता का नाश होता है।
Benefits of Mangla Gauri Stotram मां मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ:
वैवाहिक जीवन की परेशानियों के अलावा इस स्तोत्र के पाठ से जीवन की अशांति को दूर किया जा सकता है। जीवनसाथी की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मां मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। अगर परिवार वालों के बीच एकता लेकर आना चाहते हैं तो इस स्तोत्र का पाठ करना न भूलें। श्रावण माह के मंगलवार के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से मां साधक के लिए सौभाग्य के द्वार खोल देती हैं।
Maa Mangala Gauri Stotra मां मंगला गौरी स्तोत्र-
रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके।
हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके॥
हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके।
शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके॥
मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले।
सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये॥
पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते।
पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम्॥
मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले।
संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम्॥
देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः।
प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे॥
तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम्।
वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने॥
मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले।
इति मंगलागौरी स्तोत्रं सम्पूर्णं