Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Dec, 2022 08:25 AM

श्रीमद्भागवत गीता और श्रीमद्भागवत पुराण के आधार पर उस परम सनातन नियम को व्यक्त किया गया है। मोक्षदा एकादशी को श्री कृष्ण का पूजन कर व्रत रखने का विधान है। इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Mokshada Ekadashi Gita Jayanti: श्रीमद्भागवत गीता और श्रीमद्भागवत पुराण के आधार पर उस परम सनातन नियम को व्यक्त किया गया है। मोक्षदा एकादशी को श्री कृष्ण का पूजन कर व्रत रखने का विधान है। इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ग्रह शांति के लिए इस व्रत को करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। घर पर मंडरा रहे संकटों के बादल समाप्त होते हैं और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है। आज 3 दिसंबर दिसंबर शनिवार को मोक्षदा एकादशी व्रत है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी के रूप में मनाते हैं। सनातन धर्म के अतिरिक्त कोई भी ऐसा धर्म नहीं है, जिसमें किसी ग्रन्थ कि जयंती मनाई जाती हो।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

आज दिन-रात हैं खास, धरती पर स्वर्ग का आनंद लेना चाहते हैं तो करें ये काम
क्या करें
सुख प्राप्ति के लिए श्री नारायण के चित्र पर सिंदूर चढ़ाएं।
धन प्राप्ति के लिए श्री भगवान मधुसूदन के चित्र पर कमल गट्टे चढ़ाएं।
पराक्रम बढ़ाने के लिए श्री हरि के चित्र पर तुलसी पत्र चढ़ाएं।
गृह क्लेश से मुक्ति पाने के लिए श्री बाल गोपाल को दही का भोग लगाएं।
प्रेम में सफलता के लिए श्री राधा-कृष्ण पर रोली चढ़ाएं।
रोग मुक्ति के लिए श्री हरि पर मूंग चढ़ाएं।
सुखी दांपत्य के लिए लक्ष्मी-नारायण पर अबीर चढ़ाएं।
दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए भगवान बांके बिहारी पर लाल चंदन चढ़ाएं।
सौभाग्य प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर हल्दी चढ़ाएं।
व्यवसायिक सफलता के लिए श्री कृष्ण पर नीले फूल चढ़ाएं।
लाभ प्रप्ति के लिए श्री नारायण पर लोहबान से धूप करें।
हानि से बचने के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर पीले फूल चढ़ाएं।

क्या न करें
पान न खाएं।
किसी की निन्दा न करें।
क्रोध न करें।
झूठ न बोलें।
दिन के समय न सोएं।
तेल में बना हुआ खाना न खाएं।
कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें।
व्रत न रख सकें तो प्याज, लहसुन और चावल का सेवन न करें।
