Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Jun, 2023 10:13 AM

क्रोध बिन बुलाया मेहमान है। क्रोध को पनपने न दें। यह एक ऐसा विकार है जिससे कुछ ही देर में अपना या दूसरे का नुक्सान हो सकता है। यदि किसी कारणवश क्रोध आ भी
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
क्रोध...सप्ताह में एक बार
क्रोध बिन बुलाया मेहमान है। क्रोध को पनपने न दें। यह एक ऐसा विकार है जिससे कुछ ही देर में अपना या दूसरे का नुक्सान हो सकता है। यदि किसी कारणवश क्रोध आ भी जाए तो पांच मिनट की चुप्पी साध लेने से नुक्सान से बचा जा सकता है। क्रोध स्थायी नहीं है इसलिए कुछ देर में यह अपने आप शांत हो जाता है।

1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

अगर मालामाल बनना है...
सुबह-सुबह क्रोध कतई न करें। क्रोध करना ही हो तो उसके लिए दोपहर 12 बजे के बाद का समय ठीक है। आप सप्ताह में एक बार क्रोध करेंगे तो उसका प्रभाव भी पड़ेगा लेकिन दिन में कई बार करेंगे तो लोग कहेंगे कि इनकी तो आदत ही पड़ गई है, चिल्लाने दो।
बुजुर्गों की नसीहत है कि चौराहे पर बैठकर माला और माल नहीं गिनना चाहिए। माल गिनने में भी 2 माला गिनने में भी 2 उंगलियां ही लगती हैं। तो फिर माला ही क्यों नहीं गिनते भाई। माला और माल को मिला दें तो क्या बनता है मालामाल।
बस अगर मालामाल बनना है तो अपने मालिक का नाम जपते रहिए। मालिक का नाम ही मालामाल बनाएगा। अपना सिर मालिक के आगे झुकाते चलो। उस सिर को काट कर फैंक दो जो मालिक के आगे नहीं झुकता।
भावनाओं से भी बड़े होना है
31 दिसम्बर की रात हो। घर में चोर घुस आए और पुराने साल का कलैंडर चुराकर ले जाए तो हमें दुख नहीं होता क्योंकि वह तो वैसे भी हटाना ही था।

बचपन गुजर जाए, यौवन गुजर जाए तो दुख किस बात का ? सोचना वह तो गुजरना ही था। सिर्फ इतना ध्यान रखना कि उम्र से बड़े हो गए तो अब भावनाओं से भी बड़े होना है। सत्य बोलना, सत्य सुनना और सत्य सोचना शुरू करना है।
