Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Feb, 2024 07:42 AM
भारत देश में सनातनियों, वैष्णवों एवं हिन्दुओं के द्वारा मनाया जाने वाल एक त्यौहार है। यह त्यौहार अमरकंटक के साथ-साथ मध्य प्रदेश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि यह स्थान ही
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Narmada Jayanti 2024: भारत देश में सनातनियों, वैष्णवों एवं हिन्दुओं के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है। यह त्यौहार अमरकंटक के साथ-साथ मध्य प्रदेश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्योंकि यह स्थान ही मां नर्मदा का जन्म स्थान है। माघ महीने की शुक्ल सप्तमी को यह त्यौहार मनाया जाता है। आज 15 फरवरी 2024 को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 16 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी। भारत की 7 पवित्र नदियों में से नर्मदा का एक विशेष स्थान है। कहा जाता है कि मां नर्मदा में भी गंगा की ही तरह पापों का नाश करने की क्षमता है। गंगा श्री हरि विष्णु जी के चरणों से प्रकट हुई और नर्मदा को भगवान शंकर की आंख की भौहों से उत्पन्न हुआ माना गया है।
Narmada Jayanti 2024 Katha: एक बार देवताओं द्वारा अंधकासुर नामक राक्षस का वध किया गया। उस दौरान देवताओं द्वारा बहुत से पाप कर्म भी हुए। जिसके कारण वह श्रीहरि, ब्रह्मा जी एवं शिव जी की शरण में पापों से मुक्त होने का मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये गये। तब शिव जी समाधी में लीन थे। जब सभी देवताओं ने शिव जी से पाप मुक्ति का र्माग मांगने की प्रार्थना की तो शिव जी की आंख की भौंह से एक प्रकाश बिंदु उत्पन्न हुआ। जो अमरकंटक की पहाड़ियों में मैखल पर्वत पर गिरा। जिससे एक रूपवान कन्या उत्पन्न हुई। उसका नाम नर्मदा रखा गया, जिसे पापों का नाश करने के लिये उत्पन्न किया गया था।
Narmada story: नर्मदा मां ने भगवान शिव से कुछ विशेष आशीर्वाद लिये जो किसी और के पास नहीं हैं- जैसे कि मेरा नाश किसी भी प्रकार की परिस्थिति में न हो, चाहे प्रलय ही क्यों न आ जायें। मेरा हर एक पत्थर बिना किसी प्राण प्रतिष्ठा के पूजा जाये। मेरे तट पर सभी देवी-देवताओं का वास होना चाहिए। इसी कारण आज तक नर्मदा नदी का विनाश नहीं हो पाया।
Narmada jayanti upay: आज के दिन घर में नर्मदा के निमित्त होकर पूजा-पाठ करते समय कुछ जल पास में रखें और पूजा के पश्चात प्रार्थना करें- हे मां नर्मदा आप इस जल में निवास करें और मेरे घर में सुख एवं शांति प्रदान करें। ओउम नर्मदाए नमः का 108 बार पाठ करना चाहिए। तत्पश्चात उस जल को चरणामृत स्वरूप सभी को दें और जल का छींटा अमृतवर्षा के रूप में सभी पर करें। मां नर्मदा की आरती जरूर करनी चाहिए। इससे आपके पापों का विनाश होगा और मां नर्मदा की कृपा प्राप्त होगी। मां नर्मदा के निमित्त होकर जरूरतमंदों को यथाशक्ति भोजन, वस्त्र, दवाईयों इत्यादि का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से नर्मदा कृपा प्राप्ति होगी और आपकी इच्छाओं की पूर्ती होने में सहायता भी प्राप्त होगी।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)